Ranchi News: झारखंड की राजधानी रांची स्थित कोकर इंडस्ट्रियल एरिया के डकबैक इंडिया (पूर्व नाम बिहार रबर कंपनी) में कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है. यह स्थिति पिछले तीन माह से बनी हुई है.
डकबैक इंडिया के कर्मचारियों को टुकड़ों में मिलता है वेतन
पूरे माह का एक बार भुगतान नहीं करके टुकड़ों-टुकड़ों में वेतन दिया जा रहा है. इससे काम कर रहे कर्मचारियों को काफी परेशानी हो रही है. किसी के बच्चों की पढ़ाई में दिक्कत हो रही है, तो किसी का जरूरी काम रुक गया है.
दिन-रात धरने पर बैठे रहे कर्मी
31 लोगों का कोलकाता स्थानांतरण करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की ग्रेच्युटी नहीं देने और बिना कारण के रांची के कारखाना से मशीन को बाहर ले जाने के विरोध में कर्मचारी दूसरे दिन भी शुक्रवार को दिन-रात धरना पर बैठे रहे. उनका कहना है कि जब तक प्रबंधन उनकी बातों को नहीं सुनता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
2019 से रिवाइज वेतन नहीं मिल रहा
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश मंत्री संजय चक्रवर्ती ने बताया कि 2019 से न्यूनतम वेतन का वेतन रिवीजन का लाभ नहीं दिया जा रहा है. यही नहीं, महंगाई भत्ता भी रोक दिया गया है. अध्यक्ष सहित 5 पदाधिकारियों को हटा दिया गया. प्रबंधन एकमुश्त ट्रांसफर आदेश को रोके और कल-पुर्जे को तत्काल खोलने का काम बंद किया जाये.
कंपनी प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है. वेतन मांगने पर प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों को चार्जशीट के साथ-साथ बार-बार गेट से बाहर करने की धमकी दी जाती है.
अजीत महतो, डकबैक का कर्मचारी
वेतन टुकड़ों-टुकड़ों में मिल रहा है. एक से दो मशीनों को छोड़ कर सभी मशीनें खोल दी गयी हैं. कुल 63 कर्मचारी हैं. वर्तमान में 17 कर्मचारी काम कर रहे हैं.
मिनी लकड़ा, डकबैक का कर्मचारी
फैक्टरी में कार्यरत कामगारों को सेवानिवृत्ति लाभ और वेतन नहीं देना कंपनी का मकसद है़ इसी वजह से छह लोगों को हटा दिया गया है. घरेलू जांच में निर्दोष साबित होने के बाद भी बर्खास्त कर दिया गया है.
चंद्रशेखर प्रसाद, डकबैक का कर्मचारी
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