देश के जाने-माने पत्रकार, लेखक और मैग्सेसे अवार्ड विनर पी साईनाथ रांची में हैं. स्टैन स्वामी की स्मृति में 25 जून (रविवार) को स्टैन स्वामी की स्मृति में व्याख्यान देंगे. व्याख्यान का विषय ‘जबानबंदी का शासन और मीडिया का नैतिक संसार’ है. पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) की ओर से स्टैन स्वामी की स्मृति में रांची के एक्सआईएसएस इस व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया है.
एक्सआईएसएस में व्याख्यान देंगे पी साईनाथ
रविवार को रांची में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता चर्चित कथाकार, उपन्यासकार रणेंद्र करेंगे. अपराह्न सवा दो बजे से शाम पांच बजे तक कार्यक्रम चलेगा. पीयूसीएल ने पिछले साल से 25 जून को स्टैन स्वामी स्मृति व्याख्यानमाला की शुरुआत की है. पी साईनाथ इस व्याख्यानमाला के दूसरे वक्ता हैं. कार्यक्रम में राज्य भर से मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल होंगे. लोकतंत्र के हिमायती, न्याय पसंद बुद्धिजीवी एवं सामाजिक कार्यकर्ता इसमें शामिल होंगे.
स्टैन स्वामी को याद करना इसलिए है जरूरी
स्टैन स्वामी झारखंड में रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता थे. रांची के नामकुम के बगईचा में उनका आवास था, विचाराधीन कैदियों के अधिकारों के लिए सक्रिय रहते थे. पीयूसीएल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें कहा है कि आज अघोषित आपातकाल है. अभिव्यक्ति के अधिकार पर पहरा लगा दिया गया है. मानवाधिकार कार्यकर्ता निशाने पर हैं. पीयूसीएल ने मीडिया पर भी गंभीर आरोप लगाये हैं. कहा है कि मीडिया अपनी विश्वसनीयता खो चुका है. इसलिए स्टैन स्वामी को याद करना जरूरी है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता थे स्टैन स्वामी
पीयूसीएल ने स्टैन स्वामी को मानवाधिकार का योद्धा करार देते हुए कहा है कि उनकी स्मृति में पीयूसीएल झारखंड ने हर साल व्याख्यानमाला आयोजित करने का निर्णय लिया है. व्याख्यानमाला का उद्देश्य उन मुद्दों को जिंदा रखना है, जिसके लिए स्टैन स्वामी जीवन भर मुखर रहे. बता दें कि स्टैन स्वामी का 84 साल की उम्र में जुलाई 2021 में निधन हो गया था. अक्टूबर 2020 में उन्हें रांची के नामकुम से एनआईए ने गिरफ्तार किया था.
भीमा कोरेगांव केस में स्टैन स्वामी को एनआईए ने किया था अरेस्ट
स्टैन स्वामी को जनवरी 2018 में भीमा कोरेगांव में भड़की हिंसा से जुड़े केस में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था. उन पर आतंकवादियों से संबंध होने के भी आरोप एनआईए ने लगाये थे. स्टैन स्वामी पर यूएपीए की कई धाराएं लगायीं गयीं थीं. खूंटी जिला में हुए पत्थलगड़ी के मुद्दे पर तनाव भड़काने का आरोप भी उन पर लगा था. इस मामले में खूंटी पुलिस ने स्टैन स्वामी समेत डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था.
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