Ranchi news : झारखंड में टीकाकरण कवरेज में एकरूपता नहीं, केंद्र ने जतायी आपत्ति

राज्य की ओर से उपलब्ध कराये गये आंकड़ों में है गड़बड़ी. कई ब्लॉक में पहला डोज से ज्यादा संख्या में दूसरा डोज दर्शाया गया है. टीकाकरण के बावजूद खसरा के मामलों में हो रही है वृद्धि.

By Prabhat Khabar News Desk | January 3, 2025 8:37 PM

बिपिन सिंह, रांची.

टीकाकरण के बावजूद झारखंड के कुछ ब्लॉक में खसरा के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. झारखंड द्वारा प्रस्तुत किये गये आंकड़ाें में टीकाकरण को लेकर एकरूपता नहीं है. इसको भारत सरकार ने गंभीरता से लेते हुए एमआर वैक्सीन टीकाकरण कवरेज बढ़ाने और प्रकोप को कम करने के लिए सख्ती से कदम उठाने को कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय की संयुक्त सचिव मीरा श्रीवास्तव ने इस मामले में एनएचएम झारखंड को पत्र लिखकर इन विसंगतियों पर आपत्ति दर्ज करायी है.

खसरा के मामलों वृद्धि हो रही

पत्र में इस बात का जिक्र है कि केंद्र सरकार द्वारा एमआर टीकाकरण कवरेज और निगरानी डेटा की स्थिति का अध्ययन यह दर्शाता है कि टीकाकरण कवरेज के बावजूद कुछ ब्लॉक में अभी भी खसरा के मामलों वृद्धि हो रही है. इसमें उदाहरण के तौर पर राज्य द्वारा मुहैया कराये गये शीर्ष 10 ब्लॉक के आंकड़ों को भी शामिल किया गया है. आंकड़ों की पड़ताल के बाद यह बात सामने आयी कि झारखंड के अंदर एमआर की पहली खुराक कवरेज 93% है. वहीं, एमआर की दूसरी खुराक कवरेज 83% है. जबकि, यह आंकड़ा एक समान या इसके आसपास होना चाहिए. क्योंकि, जिसने पहली खुराक ली है, उसे ही दूसरी खुराक दी जानी है.

डब्ल्यूएचओ के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र ने (एनएमएनआर) खसरा और रूबेला के उन्मूलन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें वायरस के शून्य संचरण के साथ 2/100,000 जनसंख्या की दर को सामने रखा गया है. इसके लिए टीकाकरण के लिए निर्धारित मॉपअप राउंड को पूरा किया जाना है. खसरा-रूबेला से बचाव के लिए एमएमआर टीका लगवाने की सलाह दी जाती है. बच्चों को एमएमआर टीके की दो खुराक लगवानी चाहिए. पहली खुराक 12 से 15 महीने की उम्र में और दूसरी खुराक 04 से 06 साल की उम्र में.

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