Ranchi News : नगर निकायों में ओबीसी का आरक्षण निर्धारित करने के लिए सर्वे शुरू

निकायों में बीसी-वन व बीसी-टू वर्ग के नागरिकों का होना है अध्ययन. आयोग ने सभी जिलों को सर्वे के लिए प्रपत्र उपलब्ध कराया है. बूथ , वार्ड और निकाय के स्तर पर तैयार किया जायेगा डेटा

By Prabhat Khabar News Desk | December 28, 2024 8:01 PM
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रांची. राज्य के नगर निकायों में ओबीसी का आरक्षण निर्धारित करने के लिए (ट्रिपल टेस्ट) सर्वे का कार्य शुरू किया गया है. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के निर्देश पर निकायों में बीसी-वन और बीसी-टू वर्ग के नागरिकों का अध्ययन किया जाना है. आयोग ने सभी जिलों को सर्वे के लिए प्रपत्र उपलब्ध कराया है. निकायों द्वारा सर्वे के बाद प्रपत्र भर कर आयोग को उपलब्ध कराया जायेगा. प्रपत्र में निकायों में मतदाता संख्या, मतदाता का नाम, पिता या पति का नाम, उम्र, लिंग, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, सामान्य, बीसी-वन व बीसी-टू की पूरी जानकारी भर कर आयोग को सौंपने का निर्देश दिया गया है. यह डेटा पहले बूथ स्तर, फिर वार्ड स्तर और उसके बाद निकाय के स्तर पर कुल आबादी के आधार पर तैयार किया जायेगा. सभी समुदायों के मतदाताओं से संबंधित डेटा उपायुक्तों के माध्यम से पिछड़ा वर्ग आयोग को भेजा जायेगा.

निकायों में प्रशिक्षित किये जा रहे हैं बीएलओ

राज्य के कई नगर निकायों जैसे डोमचांच, मानगो, जुगसलाई समेत अन्य में ट्रिपल टेस्ट के लिए डोर-टू-डोर सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है. वहीं, रामगढ़ समेत अन्य जिलों में सर्वे के लिए बूथ लेबल ऑफिसर या बीएलओ के प्रशिक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया है. संबंधित जिलों में स्थित नगर निकाय क्षेत्रों के बीएलओ के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किये जा रहे हैं. उनको नगर निकाय क्षेत्रों में पिछड़े वर्ग की जातियों के अध्ययन के लिए भरे जाने वाले प्रपत्र के बारे में बताया जा रहा है.

तीन वर्षों से लंबित है चुनाव

झारखंड में नगर निकायों का चुनाव पिछले तीन वर्षों से लंबित है. निकाय चुनाव नहीं होने से 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर राज्य को मिलने वाली सहायता रोक दी गयी है. जिससे राज्य को लगभग 1600 करोड़ रुपये से वंचित रहना पड़ रहा है. मालूम हो कि राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण के बिना नगर निकायों का चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है. पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी की जानी है. लेकिन, आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद के विधानसभा चुनाव जीतने की वजह से पद रिक्त हो गया है. आयोग में सदस्यों की नियुक्ति भी नहीं की जा सकी है.

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