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Jharkhand News: 5 चरणों में होगा रांची आउटर रिंग रोड का निर्माण, जल्द बनेगा DPR, जानें क्या होगा फायदा

रांची आउटर रिंग रोड का निर्माण मौजूदा रिंग रोड से करीब 10 किमी आगे से होगा. एनएच-33 में पुंदाग टोल प्लाजा के पास से एनएच-75 पर मांडर के उकरीद तक रिंग रोड बनेगा

By Prabhat Khabar News Desk | December 28, 2022 7:07 AM

आउटर रिंग रोड का डीपीआर तैयार करने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. इसके लिए पथ निर्माण विभाग ने गुरुग्राम की कंपनी एमएसवी इंटरनेशनल का चयन कंसल्टेंट के रूप में किया है. संभावना जतायी जा रही है कि रांची आउटर रिंग रोड का निर्माण पांच चरणों में किया जायेगा. कंसल्टेंट कंपनी तय समय में शुरुआती दो चरणों के लिए डीपीआर तैयार कर विभाग को सौंपेगी. विभाग की ओर से यह डीपीआर केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेज कर इसकी स्वीकृति के लिए आग्रह किया जायेगा.

रांची आउटर रिंग रोड का निर्माण मौजूदा रिंग रोड से करीब 10 किमी आगे से होगा. एनएच-33 में पुंदाग टोल प्लाजा के पास से एनएच-75 पर मांडर के उकरीद तक रिंग रोड बनेगा. फिर उकरीद से एनएच-23 में इटकी तक यह रिंग रोड जायेगा. पूरे रिंग रोड की लंबाई करीब 190 किमी की होगी. इसका सर्वे विभागीय स्तर पर करा लिया गया है. अब केवल इसका डीपीआर तैयार कराने का काम शेष रह गया है.

संभवत: पांच चरणों में किया जायेगा रांची आउटर रिंग रोड का निर्माण

गुरुग्राम की कंपनी एमएसवी इंटरनेशनल बनायेगी शुरुआती दो चरणों का डीपीआर

इस डीपीआर को केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजेगा विभाग

आउटर रिंग रोड बनने से शहर की यातायात व्यवस्था पर कम होगा दबाव, जाम से निजात

रांची आउटर रिंग रोड एक नजर में

पहला चरण : एनएच-33 में पुंदाग टोल प्लाजा के निकट से एनएच-75 में मांडर के उकरीद तक

दूसरा चरण : एनएच-75 उकरीद से एनएच-23 इटकी के समीप तक

तीसरा चरण : एनएच-23 इटकी के पास से एनएच-75 एक्सटेंशन में कालामाटी तक

चौथा चरण : एनएच-75 एक्सटेंशन से एनएच-33 टाटा रोड में पांचा तक

पांचवां चरण : एनएच-33 पांचा से एनएच-33 रामगढ़ रोड में पुंदाग टोल प्लाजा के निकट तक

केंद्र से बनवाने का हो रहा है आग्रह

राज्य सरकार ने तीन माह पूर्व केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव से आउटर रिंग रोड निर्माण का आग्रह किया था. उन्हें आउटर रिंग रोड की जरूरतों के बारे में बताया. साथ ही भारत सरकार इसके लिए सहयोग क्यों करे, इस पर भी प्रकाश डाला. इसके बाद ही केंद्रीय सचिव ने इसके लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी थी. इसके बाद ही विभाग इस दिशा में आगे बढ़ा है.

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