Ranchi news : जंगल में आग रोकने के लिए बनी रणनीति, लोगों को किया जायेगा जागरूक
जंगल में आग रोकने को लेकर मंगलवार को वन विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई. अधिकारियों ने कहा कि आग लगने से जंगल को नुकसान होता है. वहां रहने वाले जंगली जानवर भी प्रभावित होते हैं.
रांची. जाड़े के बाद जंगल में आग लगने की घटना बढ़ जाती है. बीते साल आग लगने की करीब 7500 घटनाएं हुई थीं. जंगल में आग रोकने को लेकर मंगलवार को वन विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई. अधिकारियों ने कहा कि आग लगने से जंगल को नुकसान होता है. वहां रहने वाले जंगली जानवर भी प्रभावित होते हैं. झारखंड के जंगल में आग लगने का मुख्य कारण मानव निर्मित (मैन मेड) है. इसे रोका जा सकता है. अधिकारियों ने कहा कि जहां सबसे अधिक आग लगने की घटना हुई है, उसे चिह्नित करना है. वहां के लिए रणनीति तैयार करनी है. नुक्कड़ नाटक व पोस्टर-बैनर के जरिये जागरूकता फैलाना है.
अभियान चलाने का निर्देश
वन सुरक्षा समिति और ग्रामीणों को भी इस अभियान से जोड़ना है. वन लगने से होने वाले नुकसान और वन का फायदा बताना है. बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक सत्यजीत सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार, रवि रंजन, पीआर नायडू, एसआर नटेस के साथ-साथ सभी आरसीसीएफ ऑन लाइन जुड़े हुए थे. अधिकारियों को डीएफओ के माध्यम से अभियान चलाने का निर्देश दिया गया. जिला स्तर पर गठित आपदा प्रबंधन समिति के साथ भी बैठक करने का निर्देश दिया गया. आपदा प्रबंधन समिति उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित एक कमेटी है.
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