झारखंड राज्य के गठन के बाद से ही राजधानी रांची में जमीन की कीमतें आसमान छूने लगीं थीं. अब यहां की जमीन बेशकीमती हो चुकी है. इसलिए भू-माफिया जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. रांची में जमीन विवाद के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ये हम नहीं कह रहे. ये पुलिस के आंकड़े बता रहे हैं. जी हां, पिछले 5 साल में ही भूमि विवाद के कम से कम 560 मामले हैं, जो थाने पहुंचे हैं.
भू-माफिया की लिस्ट बना रही रांची पुलिस
नक्सलियों और अपराधियों से निपटने की चुनौती के बीच पुलिस का वास्ता भूमि विवाद से भी पड़ रहा है. यही वजह है कि पुलिस ने भू-माफिया की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है, क्योंकि राजधानी में जमीन विवाद में हर साल कई मौतें हो जातीं हैं. आम अपराध की घटनाएं हैं, सो अलग. पुलिस से कोर्ट तक में अगर सबसे ज्यादा कोई मामला लंबित है, तो वो जमीन से जुड़े मामले हैं. जमीन विवाद से जुड़े कुछ आंकड़ों पर गौर कीजिए.
2021 : तमाड़ में वकील की गोली मारकर हत्या
आइए, थोड़ा फ्लैश बैक में चलते हैं. साल-दर-साल घटनाओं की आपको याद दिलाते हैं. 27 जुलाई 2021 को राजधानी रांची के तमाड़ प्रखंड में वकील मनोज झा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. वे उस वक्त एक शिक्षण संस्थान की घेराबंदी करवा रहे थे. तभी बाइक पर सवार होकर कुछ अपराधी वहां आये और मनोज झा को गोली मार दी. उनकी मौत हो गयी.
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2022 : सब्जी बेचने वाली को मार डाला
अब बात करते हैं वर्ष 2022 की. 27 मार्च 2022 को रांची के चिरौंदी बाजार में फल बेचने वाली दुलारी देवी की हत्या कर दी गयी. दुलारी देवी को भी गोली मारी गयी थी. आशंका जतायी गयी थी कि दुलारी देवी की हत्या भूमि विवाद में हुई है.
2022 : जमीन विवाद में दो पक्षों के बीच हुई झड़प
नामकुम थाना क्षेत्र में 24 सितंबर 2022 को एक प्लॉट पर विवाद हुआ. ग्रामीणों ने जमीन पर निर्माण का विरोध किया, तो दो पक्षों में झड़प हो गयी. मामले को शांत कराने के लिए पुलिस को आना पड़ा. मामला शांत हो गया.
2022 : जमीन कारोबारी की गोली मारकर हत्या
इसी साल 24 नवंबर 2022 को रांची के बरियातू थाना क्षेत्र में जमीन कारोबारी धवन राम को अपराधियों ने मार डाला. धवन को दो गोली मारी गयी थी.
2023 : नामकुम में हुई फायरिंग में दो युवक घायल
वर्ष 2023 में भी भूमि विवाद में फायरिंग हुई. इसमें दो युवक घायल हो गये. मामला नामकुम थाना क्षेत्र का था. 17 मार्च 2023 को नामकुम के केतारीबगान में अपराधियों ने कृष्णापुरी के राहुल और कांके के आशीष पर गोली चलायी थी. दोनों घायल हो गये थे.
रांची जिले में 5 साल में जमीन कब्जा करने के 560 मामले
अब जरा पुलिस में दर्ज हो रहे जमीन विवाद के मामलों पर ध्यान दीजिए. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 5 साल में पुलिस के पास 560 मामले दर्ज हुए हैं, जो जमीन विवाद से जुड़े हैं. रांची पुलिस के वरीय अधिकारी बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में 215 प्राथमिकी और शहरी क्षेत्र के थानों में 345 प्राथमिकी दर्ज हुई है. इन सभी मामलों की समीक्षा की जा रही है.
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सुप्रीम कोर्ट के जज की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश
राजधानी रांची के लोअर बाजार थाना क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस की जमीन पर भी कब्जा करने की कोशिश हुई. मामला प्रकाश में आया, तो झारखंड हाईकोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाया. इसके बाद रांची पुलिस भी एक्शन में आयी. अब भू-माफिया की लिस्ट तैयार की जा रही है. सबसे पहले उन लोगों की सूची बन रही है, जिनके खिलाफ सबसे ज्यादा और लगातार शिकायतें आ रहीं हैं. सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस ऐसे भू-माफिया को जिलाबदर करने की तैयारी कर रही है.
हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल करेगी रांची पुलिस
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की जमीन पर कब्जा मामले में कोर्ट ने रांची पुलिस से भूमि विवाद से जुड़े मामलों पर शपथ पत्र दायर करने को कहा है. अब पुलिस को हाईकोर्ट में यह बताना होगा कि रांची जिले में भूमि विवाद के कितने केस दर्ज हुए हैं और उन मामलों में क्या कार्रवाई हुई है. पुलिस को यह भी बताना है कि रांची में कौन-कौन से गिरोह हैं, जो जमीन पर कब्जा कर रहे हैं.
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जमीन विवाद में तत्काल कदम उठायें थाना प्रभारी
रांची के एसपी (ग्रामीण) नौशाद आलम ने कहा है कि सभी थाना प्रभारियों को हिदायत दी गयी है कि भूमि विवाद में किसी की जान नहीं जाये, इसकी व्यवस्था करें. भूमि विवाद पर थानेदारों को तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिये गये हैं. नौशाद आलम ने यह भी कहा है कि अगर भूमि विवाद में किसी की जान जाती है, तो थाना प्रभारी भी नहीं बचेंगे.