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रांची पुलिस की कार्यशैली ऐसी कि सात किलोमीटर की दूरी तय करने में लगे सात माह

अरगोड़ा थाना क्षेत्र के मोती मस्जिद अली रोड निवासी महिला बोधो कुजूर 23 जून 2023 को हरमू मुक्तिधाम पुल के आगे सड़क दुर्घटना में घायल हो गयी थी. घायल अवस्था में उसे रिम्स लाया गया, जहां इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गयी.

अमन तिवारी, रांची : राजधानी रांची की पुलिस की कार्यशैली ऐसी है कि एक कागजात को शहर के ही एक थाने से दूसरे थाने तक पहुंचने में सात महीने लग जाते हैं. वह भी तब, जब दोनों थानों के बीच की दूरी महज आठ किलोमीटर हो और आने या जाने में आधे घंटे से भी कम वक्त लगता हो. हाल के दिनों में विशेषकर दुर्घटना में मौत केस में ऐसे कुछ मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें पुलिस ने घटना के कई दिनों या महीनों बाद केस दर्ज किया है.

अरगोड़ा थाना क्षेत्र के मोती मस्जिद अली रोड निवासी महिला बोधो कुजूर 23 जून 2023 को हरमू मुक्तिधाम पुल के आगे सड़क दुर्घटना में घायल हो गयी थी. घायल अवस्था में उसे रिम्स लाया गया, जहां इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गयी. 24 जून 2023 को बरियातू थाना के एएसआइ ए कुमार सिंह ने मृत महिला की बेटी जिरमुनिया तिग्गा का बयान दर्ज किया था. नियमानुसार इसमें सूचना मिलने के बाद आवेदन लाकर अरगोड़ा थाना में केस दर्ज करने की जिम्मेदारी अरगोड़ा पुलिस की है. पर मामले में आवेदन अरगोड़ा थाना में दो फरवरी 2024 को पहुंचा, जिसके बाद अरगोड़ा थाना प्रभारी ने अज्ञात वाहन चालक पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया. खास बात यह है कि अरगोड़ा थाना से बरियातू थाना की दूरी हरमू रोड वाया करमटोली करीब आठ किमी हैं. एक थाने से दूसरे थाने पहुंचने में पुलिस को अधिकतम 26 मिनट लग सकते है, लेकिन अरगोड़ा पुलिस को यह दूरी तय करने में सात महीने लग गये.
हिंदपीढ़ी पुलिस ने घटना के नौ दिन बाद दर्ज किया केस

दूसरा मामला हिंदपीढ़ी थाना का है. थाना क्षेत्र निवासी अजीउल्लाह के छोटे भाई इलाही नगर पुंदाग निवासी मो अब्दुल्ला अंसारी 17 दिसंबर 2023 को राज अस्पताल के पास सड़क पर एक बाइक के धक्के से घायल हो गये थे. 18 दिसंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. रिम्स पुलिस शिविर में तैनात बरियातू थाना के पुलिस अफसर अरविंद कुमार ने मृतक के भाई का बयान दर्ज किया, लेकिन इस मामले में हिंदपीढ़ी में 26 दिसंबर को केस दर्ज किया. हिंदपीढ़ी थाना से बरियातू थाना की दूरी करीब 5.5 किमी है, जिसे तय करने में पुलिस को करीब 17 मिनट लग सकते हैं. जबकि, हिंदपीढ़ी थाना की पुलिस को बरियातू थाना जाने और आने में नौ दिन लग गये.

ऐसे काम करता है पुलिस का सिस्टम

राजधानी के शहरी या आसपास के थाना क्षेत्र में हुई दुर्घटना के मामले में जब किसी घायल को रिम्स लाया जाता है और अगर इलाज के दौरान उसकी मौत रिम्स में हो जाती है, तब मामले में बयान लेने का काम रिम्स पुलिस शिविर में तैनात बरियातू पुलिस करती है. इसके बाद घटना की सूचना बरियातू थाना की पुलिस संबंधित थाना की पुलिस को देती है, ताकि संबंधित थाना से कोई पुलिस आकर आवेदन लेकर जाये और अपने थाना में केस दर्ज कर आगे अनुसंधान की कार्रवाई करें. दूसरे जिला का मामला होने पर बरियातू पुलिस एसपी ऑफिस से डाक टिकट हासिल कर इसे पोस्ट के माध्यम से भेजती है. स्थानीय स्तर पर कभी-कभी ऐसा होता है कि जब सूचना देने के बावजूद संबंधित थाना की पुलिस बरियातू थाना नहीं आती. तब ऐसे में पोस्ट के माध्यम से शिकायतकर्ता का आवेदन केस दर्ज करने के लिए संबंधित थाना को भेजा जाता है.

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