रांची-पुरुलिया सड़क ढाई घंटे रही जाम, जानिए क्या है वजह
जंगली हाथियों के आतंक से तंग आकर स्थानीय ग्रामीणों ने सिल्ली के किता में रांची-पुरुलिया सड़क को जाम कर दिया. इस वजह से वाहनों की लंबी कतार लग गई. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से करीब 30 जंगली हाथियों का झुंड इलाके के दर्जनों गांव में आतंक मचा रहा है.
Ranchi News: जंगली हाथियों के आतंक से तंग आकर स्थानीय ग्रामीणों ने सिल्ली के किता में रांची-पुरुलिया सड़क को जाम कर दिया. इस वजह से वाहनों की लंबी कतार लग गई. जाम की सूचना पाकर सिल्ली थाना प्रभारी आकाशदीप एवं प्रभारी वनपाल जयप्रकाश साहू जामस्थल पर पहुंचकर लोगों से जाम हटा लेने को कहा, लेकिन ग्रामीण अपने मांग पर अड़े रहे. ग्रामीण हाथियों के झुंड को भगाने एवं उनके आतंक से निजात दिलाने की मांग कर रहे थे.
30 हाथियों का दल मचा रहा आतंक
ग्रामीण वन विभाग के प्रति भी आक्रोशित थे. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से करीब 30 जंगली हाथियों का झुंड इलाके के दर्जनों गांव में आतंक मचा रहा है. लेकिन विभाग उनको भगाने के नाम पर केवल खाना पूर्ति करने में लगा है. खामियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है. हाथी गांव में घरों व फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. लोगों के जान को भी खतरा है.
क्या कहते हैं प्रभारी वनपाल
प्रभारी वनपाल जयप्रकाश साहू ने बताया कि हाथियों को भगाने के लिए विभाग लगातार कोशिश कर रहा है, लेकिन ग्रामीणों का पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है. बाद में काफी मशक्कत के बाद वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को पर्याप्त मात्रा में मशाल, टॉर्च एवं पटाखे आदि देने एवं हाथियों को क्षेत्र से खदेड़ने के आश्वासन पर जमाकर्ताओं ने जाम हटा लिया है.
वन संरक्षण समिति की लापरवाही से भी समस्या बढ़ी
सिल्ली में वन संरक्षण समितियों के लापरवाही से भी हाथियों के समस्या के समाधान में परेशानी आ रही है. वन विभाग के प्रभारी वनपाल जयप्रकाश साहू ने बताया कि किता वन संरक्षण समिति के लापरवाही के कारण सामिति के फंड में रखे करीब ढाई लाख रुपये की निकासी अब तक नहीं हुई है. वहीं विभाग से हाथियों को भगाने के लिये कोई भी राशि आवंटित नहीं की गयी है. नियमानुसार वन समितियों को दी जाने वाली राशि हाथियों को भगाने पर खर्च किया जाना है. 60 वन संरक्षण समितियां हैं. इनमें से केवल किता समेत छह समितियों में ही करीब 10 लाख रुपये है. इनकी राशि के निकासी की प्रक्रिया चल रही है.