रांची रेलवे स्टेशन : 1907 में पुरुलिया के लिए बजी ट्रेन की पहली सीटी, अब हर दिन 60 हजार यात्री करते हैं सफर

नवंबर 1907, इसी दिन भारतीय रेलवे के मानचित्र पर अपनी रांची की अमिट छाप पड़ी. रांची रेलवे स्टेशन से पुरुलिया के लिए पहली ट्रेन की सीटी बजी. इसके बाद वर्ष 1913 दूसरा अहम पड़ाव था.

By Prabhat Khabar News Desk | June 12, 2023 12:45 PM

रांची रेलवे स्टेशन : नवंबर 1907, इसी दिन भारतीय रेलवे के मानचित्र पर अपनी रांची की अमिट छाप पड़ी. रांची रेलवे स्टेशन से पुरुलिया के लिए पहली ट्रेन की सीटी बजी. वह भी नैरो गेज यानी छोटी लाइन पर. इसके बाद वर्ष 1913 दूसरा अहम पड़ाव था. रांची-लोहरदगा पैसेंजर ट्रेन. सुबह यह ट्रेन रांची से लोहरदगा जाती और उसी दिन शाम में लौट जाती. यह शीघ्र ही लाइफ लाइन बन गयी़ यही कारण है कि इसका परिचालन एक ही समय पर दोनों ओर से होने लगा. हर कोई लोहरदगा ट्रेन के रोमांचक सफर का गवाह बनना चाहता था. अंग्रेज अफसर भी इसका लुत्फ उठाते. उनके लिए विशेष व्यवस्था की जाती. यही कारण है कि रांची रेलवे स्टेशन के बाहर इसका इंजन आज भी खड़ा है. झारखंड में रेलवे के सफर का गवाह. ट्रेन के विस्तार की कहानी बयां कर रहा है.

रांची रेलवे के बारे में जानिए

रांची रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन 60 हजार यात्री सफर करते हैं.

रांची रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन 67 जोड़ी ट्रेन खुलती है.

रांची से जम्मू जानेवाली जम्मूतवी एक्सप्रेस यहां से खुलनेवाली सबसे लंबी ट्रेन है.

रांची से पहली ट्रेन 1907 में खुली थी, जो पुरुलिया तक जाती थी.

1999 मे मिली थी बरकाकाना के परियोजना को मंजूरी

1. इस परियोजना की मंजूरी वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान मिली थी. वर्ष 2009 में काम शुरू हुआ. पहले चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी 2015 को कोडरमा से हजारीबाग टाउन स्टेशन तक रेल परिचालन को हरी झंडी दिखायी. पहले चरण में लगभग 80 किमी का परिचालन शुरू हुआ.

2. दूसरा चरण सात दिसबंर 2016 को हजारीबाग टाउन से बरकाकाना तक शुरू हुआ. पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने ट्रेन पर सवार होकर बरकाकाना रेल परिचालन की शुरुआत की, जिसकी दूरी लगभग 57 किमी है.

3. तीसरे चरण में ट्रेन 31 मार्च 2017 को बरकाकाना स्टेशन से सिधवार स्टेशन पहुंची. इसकी दूरी लगभग सात किमी है.

4. चौथे चरण में 28 अगस्त 2019 को टाटीसिलवे से सांकी तक का परिचालन शुरू हुआ, जिसकी दूरी लगभग 32 किमी है.

5. रेल परियोजना के पांचवें और अंतिम चरण में 19 दिसंबर 2022 को सिधवार से सांकी तक लगभग 26 किमी नवनिर्मित रेल लाइन का निरीक्षण किया गया. 21 दिसंबर 2022 को रेलवे संरक्षा आयुक्त ने आवश्यक निर्देश के साथ रेल परिचालन को हरी झंडी दिखायी.

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