रांची के रिम्स में आज से शुरू होगा 20 बेड का ट्रॉमा विंग, गंभीर मरीजों का तुरंत होगा इलाज
ट्रॉमा बिल्डिंग के प्रथम तल्ले पर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जायेगा. इसके लिए डॉक्टरों की अलग टीम तैनात की गयी है.
राजधानी रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में सोमवार से 20 बेड का ट्रॉमा विंग शुरू होने जा रहा है. ट्रॉमा बिल्डिंग के प्रथम तल्ले पर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जायेगा. इसके लिए डॉक्टरों की अलग टीम तैनात की गयी है. इनमें न्यूरो सर्जरी, हड्डी और सामान्य सर्जरी के विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं. इलाज के लिए गोल्डन आवर का निर्धारण भी किया गया है. इसके तहत गंभीर मरीज के भर्ती होते ही तीनों विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर तत्काल इलाज शुरू करेंगे. आवश्यकता के हिसाब से मरीज की जांच भी करायी जायेगी. रिम्स अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ ने बताया कि इसके लिए डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ की टीम का ड्यूटी रोस्टर (24 घंटे का) तैयार कर लिया गया है. आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं भी मुहैया करा दी गयी हैं.
अलग ऑपरेशन थियेटर होगा
ट्रॉमा विंग के लिए प्रथम तल्ले पर अलग से ऑपरेशन थियेटर भी तैयार कर लिया गया है. एक से दो दिनों में इसे पूरी तरह तैयार कर लिया जायेगा. जरूरत पड़ने पर यहां गंभीर मरीजों की तत्काल सर्जरी की जायेगी. ट्रॉमा विंग में पांच बेड का आइसीयू भी स्थापित किया जायेगा.
सदर अस्पताल में टीबी मरीजों के लिए छह बेड का अलग वार्ड बनेगा
सदर अस्पताल में टीबी के गंभीर मरीजों के लिए छह बेड का अलग वार्ड बनेगा. इसके लिए अस्पताल के पुराने इमरजेंसी भवन के पहले तल्ले पर जगह चिह्नित की गयी है. तीन बेड महिला और तीन बेड पुरुष के लिए होंगे. राज्य यक्ष्मा विभाग के निदेशक डॉ एके मिश्रा ने जिला भ्रमण के बाद इसकी जरूरत पर जोर दिया. सिविल सर्जन ने इसकी मंजूरी दे दी है. जल्द ही यह सुविधा शुरू होगी. यहां टीबी से संबंधित सभी टेस्ट व उपचार नि:शुल्क होंगे. फिलहाल, जिले के गंभीर टीबी मरीजों को इलाज के लिए इटकी यक्ष्मा सेंटर या रिम्स जाना पड़ता है. ज्ञात हो कि सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं.
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