रांची: रिम्स में डायनेमिक बेड सिस्टम की व्यवस्था कारगर साबित नहीं हो रही है. यहां आनेवाले मरीज अब भी फर्श पर इलाज कराने को मजबूर हैं. सबसे ज्यादा परेशानी न्यूरो वार्ड में है. विभाग में करीब 150 मरीजों को भर्ती करने की क्षमता है, जबकि अमूमन यहां 300 से ज्यादा मरीज भर्ती रहते हैं. उधर, सर्जरी और हड्डी विभाग में भी यही हाल है. यहां भी बेड नहीं मिलने के करण मरीजों का इलाज फर्श पर ही हो रहा है.
हालांकि, न्यूरो सर्जरी विभाग के कुछ मरीजों को आई वार्ड में बेड उपलब्ध कराया जा रहा है. इधर, रिम्स प्रबंधन का कहना है कि इस मुद्दे पर कई बार बैठक हुई, जिसमें कई विभागाध्यक्षों ने आपत्ति जतायी. प्रबंधन की ओर से विभागाध्यक्षों को मल्टी स्टोरेज पार्किंग वार्ड का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन डॉक्टर इस पर सहमत नहीं हुए. उनका कहना था कि गंभीर मरीजों का इलाज वहां संभव नहीं है.
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पिछले दिनों रिम्स के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने निर्देश दिया था कि जिस मरीज को संबंधित विभाग में बेड नहीं मिल पा रहा है, उन्हें डॉयनमिक सिस्टम ऑफ बेड मैनेजमेंट के तहत दूसरे विभाग में शिफ्ट किया जाए. इससे जरूरतमंद मरीजों को तुरंत बेड मिल सकेगा. साथ ही डॉक्टरों को भी मरीजों का इलाज करने में सहूलितय होगी.
बेड की कमी के कारण सभी मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है. डॉक्टर गंभीर मरीजों को दूसरे विभाग में बेड देन के पक्ष में नहीं है. एनएमसी का निरीक्षण होनेवाला है, इसलिए डायनेमिक बेड सिस्टम लागू करने पर परेशानी हो रही है.
– डॉ हिरेंद्र बिरुआ, अधीक्षक, रिम्स
Posted By: Sameer Oraon