रांची के आधे से अधिक सड़कों पर फुटपाथियों का कब्जा, वाहनों का मूवमेंट रूका, सुस्त पड़ा प्रशासन
शहर की सबसे प्रमुख सड़कों में मेन रोड का नाम शुमार है. लेकिन इस सड़क के आधे हिस्से पर फुटपाथी दुकानदार ठेला लगा कर बिजनेस कर रहे हैं. इससे सड़क संकरी हो जाती है.
रांची : राजधानी की सड़कों पर एक बार फिर से अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो गया है. शहर के किसी भी प्रमुख सड़कों पर चलें जायें, हर सड़क पर दुकानें एक लाइन से लग रही हैं. सड़कों पर लग रही इन दुकानों के कारण वाहनों का मूवमेंट रुक गया है. वाहन चलने के बजाय रेंग रहे हैं. लेकिन शहर की इन सड़कों को अतिक्रमणमुक्त करने का जिम्मा जिस जिला प्रशासन, नगर निगम व ट्रैफिक के पदाधिकारियों पर है, वे चैन की नींद सो रहे हैं. यह हाल तब है, जब दो माह पहले शहर के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा खुद सड़कों पर उतरे थे. नियमित रूप से अतिक्रमण हटाने के लिए उन्होंने शहर के सभी थाना प्रभारियों को आदेश दिया था. सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया था कि सभी अपने-अपने क्षेत्र की सड़कों में घूम-घूम कर सड़कों को अतिक्रमणमुक्त रखेंगे.
यह हाल है शहर की सड़कों का
शहर की सबसे प्रमुख सड़कों में मेन रोड का नाम शुमार है. लेकिन इस सड़क के आधे हिस्से पर फुटपाथी दुकानदार ठेला लगा कर बिजनेस कर रहे हैं. इससे सड़क संकरी हो जाती है. इस कारण मेन रोड में हर दम वाहन रेंगते रहते हैं. लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है.
बरियातू रोड :
बरियातू रोड में रिम्स के समीप व बरियातू थाना के आसपास दिनभर रुक-रुककर जाम लगता रहता है. लेकिन यहीं पर एक लाइन से फुटपाथ पर दुकानदार अपनी दुकानें लगाते हैं. लेकिन इसे भी देखने वाला कोई नहीं है.
खेलगांव-टाटीसिलवे रोड :
शहर की इस सड़क पर पहले अतिक्रमण नहीं था. हाल के दिनों में मेगा स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स से लेकर बाबा चौक तक यहां धड़ल्ले से सड़क किनारे बांस-बल्ली लगाकर दुकानों का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन कोई इसे देखने वाला नहीं है.
कोकर लालपुर मार्ग का :
कोकर-लालपुर मार्ग की हालत पहले से ही पाइपलाइन के लिए खोदे गये गड्ढे के कारण काफी खराब है. रही सही कसर अब इस सड़क के किनारे लगने वाले सब्जी दुकानदार व ठेलेवाले पूरी कर रहे हैं. लेकिन इस सड़क की व्यवस्था को भी ठीक करनेवाला कोई नहीं है.
नगर निगम का अभियान पड़ा ठंडा
हाल के दिनों में नगर निगम द्वारा किसी भी सड़क पर अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चलाया गया है. इसका असर यह हुआ है कि शहर में सड़कों के किनारे रोज नयी-नयी दुकानें लग रही हैं. चौक-चौराहों पर फूड वैन लगाने से सड़कें संकरी हो जा रही है. लेकिन इसे कोई देखने वाला नहीं है.