रांची के सैनिक मार्केट का होगा पुनर्निर्माण, मल्टी स्टोरेज पार्किंग भी बनेगी

कांके रोड से ब्लॉक चौक होते हुए बोड़ेया तक की सड़क फोरलेन की होगी. इसका सर्वे कराया गया है. सड़क की ट्रैफिक स्थिति को देखते हुए इसे फोर लेन करने का विचार किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 3, 2023 1:24 PM

मेन रोड स्थित सैनिक मार्केट को तोड़ कर पुनर्निर्माण किया जायेगा. बंद पड़े वेलफेयर सिनेमा हॉल परिसर को भी इसमें शामिल किया जायेगा. वर्तमान में पार्किंग के रूप में इस्तेमाल किये जा रहे परिसर में नया सैनिक मार्केट बनाने का फैसला किया गया है. वहीं, वर्तमान मार्केट की जगह पर मल्टी स्टोरेज पार्किंग का निर्माण करने की योजना है. सैनिक मार्केट के पुनर्निर्माण का डीपीआर तैयार करने के लिए जुडको कंसल्टेंट कंपनी की तलाश कर रहा है. डीपीआर व प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल आमंत्रित किया गया है. चयनित कंपनी मार्केट के पुर्ननिर्माण का पूरा डिजाइन तैयार करेगी.

कांके ब्लॉक चौक से बोड़ेया तक की सड़क होगी फोरलेन

कांके रोड से ब्लॉक चौक होते हुए बोड़ेया तक की सड़क फोरलेन की होगी. इसका सर्वे कराया गया है. सड़क की ट्रैफिक स्थिति को देखते हुए इसे फोर लेन करने का विचार किया गया है. फिलहाल ब्लॉक चौक के पास अक्सर सड़क जाम रहती है. ऐसे में पथ निर्माण विभाग इसे फोर लेन करने की दिशा में आगे बढ़ा है. सर्वे कराने पर यह पता चला है कि काफी कम जगह पर ही जमीन लेनी होगी. पुराने कांके थाना के बगल से सड़क बनाने पर विचार किया जा रहा है.

यह प्रयास किया जा रहा है कि ज्यादातर सरकारी जमीन ली जाये. इस सड़क को फोर लेन करने की मांग विभिन्न स्तरों पर हो रही थी. सड़क फोर लेन हो जाने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. बोड़ेया की ओर से कांके रोड आना आसान हो जायेगा. अभी इस सड़क पर ज्यादा ट्रैफिक होने से गाड़ियां फंसती है. वहीं इस रोड के आसपास का इलाका काफी बढ़ गया है, जिससे आबादी भी बेतहाशा बढ़ी है. ऐसे में सारे वाहनों का बोझ भी इस सड़क पर पड़ रहा है.

135 में से 34 दुकानें पूर्व सैनिकों की

सैनिक मार्केट का निर्माण वर्ष 1991 में किया गया़ इस मार्केट में कुल 135 दुकानें हैं. इनमें से 34 दुकानें पूर्व सैनिकों व 101 दुकानें आम लोगों को आवंटित हैं. सैनिक मार्केट का संचालन सैनिक कल्याण निदेशालय के माध्यम से किया जाता है. निदेशालय को दुकानों से हर माह 2.25 लाख और सालाना 27 लाख रुपये की आमदनी होती है. यह राशि भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण में खर्च की जाती है. जुडको द्वारा मार्केट का पुर्ननिर्माण करने के बाद भी संचालन सैनिक कल्याण निदेशालय के ही जिम्मे रहेगा.

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