सीआईएससीई (CISCE) काउंसिल की ओर से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में रांची के बच्चों ने तीन पदक जीते हैं. दो बच्चों ने सिल्वर मेडल जीता, जबकि एक ने ब्रोंज. ये तीनों बच्चे रांची के बरियातू स्थित मेटास एडवेंटिस्ट स्टूडेंट्स हैं. बिहार और झारखंड रीजन से मेटास एडवेंटिस्ट बरियातू के चार छात्रों का चयन इस प्रतियोगिता के लिए हुआ था.
युवराज भास्कर और अनुराग गंझू ने रजत पदक जीता, जबकि दिव्या माझी ने कांस्य पदक जीता. अच्छी खबर यह है कि इन तीनों बच्चों में से दिव्या माझी का चयन स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SGFI) की ओर से आयोजित होने वाले योग प्रतियोगिता के लिए भी हुआ है.
एसजीएफआई की ओर से आयोजित योग प्रतियोगिता भी कोलकाता में ही होगी. प्रतियोगिता नवंबर में होगी. इसमें दिव्या माझी आईसीएसई बोर्ड का प्रतिनिधित्व करेगी. बिहार-झारखंड रीजन की अंडर-17 कोच इंचार्ज राफिया नाज ने मेटास एडवेंटिस्ट के स्टूडेंट्स की सफलता पर उन्हें बधाई दी. स्कूल के प्रिंसिपल ने भी बच्चों की सफलता पर प्रसन्नता जताई और उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं. डॉ नायडू ने स्कूलों के प्राचार्यों से अपील की है कि वे अपने स्कूलों में योग को कोर्स के रूप में अपनाएं, ताकि बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें.
Also Read: CISCE जोनल योग प्रतियोगिता में बालक एवं बालिका दोनों वर्ग में मेटास एडवेंटिस्ट स्कूल बना चैंपियनयोग टीचर राफिया नाज ने कहा कि जो बच्चे मेडल नहीं जीत पाए, उन्हें और मेहनत करनी चाहिए, ताकि वे अगली बार मेडल जरूर जीत सकें. वहीं, आज जिन्होंने मेडल जीता है, उन्हें अपनी प्रैक्टिस जारी रखते हुए उसमें और सुधार करना चाहिए, ताकि वे भविष्य में और बेहतर कर सकें.
राफिया ने कहा कि खेल में किसी की जीत या हार नहीं होती. इसलिए सभी को हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए. जो सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है, वह पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर आता है. उन्होंने कहा कि योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं. देश के बेहतर नागरिक बनें और देश की उन्नति में भागीदार बनें.