22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Court news : सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाइकोर्ट के आदेश पर रोक बरकरार रखा

मामला राज्य शिक्षा सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी कमला सिंह की आय से अधिक संपत्ति की जांच का. मामले की अंतिम सुनवाई के लिए प्रतिवादी संख्या एक, दो व तीन को नोटिस जारी किया गया.

रांची. आय से अधिक संपत्ति की जांच के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य शिक्षा सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी व लातेहार के तत्कालीन डीएसइ कमला सिंह की ओर से दायर एसएलपी पर सुनवाई की. जस्टिस जेके महेश्वरी व जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पक्ष सुनने के बाद लीव ग्रांट (मामले को सुनवाई योग्य माना) किया. सुनवाई के दौरान लोकायुक्त की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ. इस पर खंडपीठ ने मामले की अंतिम सुनवाई के लिए प्रतिवादी संख्या एक, दो व तीन को नोटिस जारी किया. प्रतिवादी छह सप्ताह के अंदर जवाबी हलफनामा दाखिल कर सकते हैं. उक्त हलफनामा पर किसी को प्रतिउत्तर दाखिल करना हो, तो दो सप्ताह के अंदर दाखिल किया जा सकता है. साथ ही खंडपीठ ने कहा कि मामले में पूर्व में पारित अंतरिम आदेश (स्टे) अगले आदेश तक जारी रहेगा.

प्रार्थी की ओर से इन्होंने की पैरवी

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता मनोज टंडन, अधिवक्ता पारिजात किशोर व अधिवक्ता मुस्कान कुमार सिंह ने पैरवी करते हुए पीठ को बताया कि लोकायुक्त अधिनियम-2001 की धारा-आठ के तहत किसी सरकारी सेवक पर आरोप लगने के पांच वर्ष के अंदर जांच करने का आदेश दिया जा सकता है. लेकिन, प्रार्थी के मामले में ऐसा नहीं किया गया. लोकायुक्त अधिनियम-2001 की धारा-10 के तहत लोकायुक्त को आदेश पारित करने के पूर्व सरकारी सेवक को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए था, लेकिन उन्हें अवसर नहीं दिया गया. उन्होंने आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया.

वर्ष 2005 का है मामला

यह मामला वर्ष 2005 का है और वर्ष 2013 में इसकी शिकायत रवि कुमार डे ने लोकायुक्त से की थी. वर्ष 2017 में लोकायुक्त ने एसीबी को आय से अधिक संपत्ति की जांच का आदेश दिया था. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी लातेहार के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसइ) व रांची के पूर्व डीइओ कमला सिंह ने एसएलपी दायर कर झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. हाइकोर्ट ने कमला सिंह की याचिका पर पूर्व में सुनवाई के दौरान लोकायुक्त के आदेश पर रोक लगा दी थी. वर्ष 2023 में हाइकोर्ट ने याचिका को निरस्त कर दिया था. इससे आय से अधिक संपत्ति की एसीबी जांच का मार्ग प्रशस्त हो गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें