रांची यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह दो मई को, पहली बार होगा लाइव टेलीकास्ट, समारोह में 2859 को मिलेगी डिग्री
रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि समारोह स्थल में उन्हीं विद्यार्थी को प्रवेश करने दिया जायेगा, जो विवि द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड में तथा गेट पास लेकर आयेंगे. समारोह में 2859 विद्यार्थियों को डिग्री प्रमाण पत्र दिये जायेंगे.
रांची: रांची यूनिवर्सिटी द्वारा दो मई 2023 को आयोजित 36वें दीक्षांत समारोह का पहली बार लाइव टेलीकास्ट होगा. डिग्री या गोल्ड मेडल लेनेवाले विद्यार्थियों के परिवार वाले या अन्य लोग घर पर बैठकर समारोह का सीधा प्रसारण देख सकेंगे. इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा लिंक जारी किया जायेगा. सुरक्षा के लिहाज से समारोह स्थल में किसी को भी चेहरा ढंक कर या काला वस्त्र पहन कर आने पर प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा. मोबाइल, बैग और ब्रीफकेस आदि को साथ लाने की मनाही रहेगी.
निर्धारित ड्रेस कोड में आयें विद्यार्थी
रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि समारोह स्थल में उन्हीं विद्यार्थी को प्रवेश करने दिया जायेगा, जो विवि द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड में तथा गेट पास लेकर आयेंगे. समारोह में 2859 विद्यार्थियों को डिग्री प्रमाण पत्र दिये जायेंगे, जबकि 81 गोल्ड मेडल का वितरण किया जायेगा. कई विद्यार्थियों को विभिन्न कैटेगरी में दो से अधिक गोल्ड मेडल मिलने के कारण 65 विद्यार्थियों के बीच ही कुल 81 गोल्ड मेडल का वितरण होगा.
सोमवार को समारोह का होगा रिहर्सल
समारोह दिन के साढ़े 11 बजे से शुरू होगा, लेकिन विद्यार्थियों को साढ़े 10 बजे तक अपना सीट ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है. कुलपति ने बताया कि सोमवार को विवि अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा समारोह का रिहर्सल किया जायेगा. कुल 29789 डिग्री में से आवेदित 2859 को समारोह स्थल में डिग्री प्रदान की जायेगी. इसमें डी लिट के पांच, पीएचडी के 162, एमफिल के 23, एमसीए के 109, एलएलबी के 20, एमएड के 28, एमएससी के 506, पीडीडीएम के चार, एमकॉम के 356 और एमए के 1533 विद्यार्थियों को डिग्री दी जायेगी. नौ आवेदन रद्द कर दिये गये हैं. इस अवसर पर एफए देवाशीष गोस्वामी, रजिस्ट्रार डॉ एमसी मेहता, परीक्षा नियंत्रक डॉ एके झा, एफओ डॉ केएएन शाहदेव, डॉ सुदेश साहू, डॉ प्रीतम कुमार, अजय साहा, डॉ पीके झा और डॉ स्मृति सिंह आदि उपस्थित थे.