Josaru’s alumni meet: आरयू के पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग में पूर्ववर्ती छात्रों के संगठन जोसारू का दूसरा अधिवेशन सह मिलन समारोह स्पंदन 2023, रविवार 18 जून को पूरे जोश के साथ मनाया गया. इस भव्य कार्यक्रम में जोसारू के 200 से अधिक सदस्य शामिल रहे और सभी ने मिल कर पुरानी यादें साझा की. कार्यक्रम का उद्घाटन आरयू के कुलपति अजित सिन्हा, विभाग के निर्देशक बी पी सिन्हा और जोसरू अध्यक्ष चंदन मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर के किया. इसके बाद वर्तमान आरयू की छात्रा सुष्मिता ने गणेश वंदना पर बेहतरीन नृत्य प्रदर्शित किया. फिर आरयू के कुलगीत ‘ जय जय जय रांची ‘ से कार्यक्रम को शुरू किया गया. इसके पूर्व सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि आरयू के कुलपति डॉ अजित सिन्हा, जन संचार विभाग के स्थापक पद्मश्री बलबीर दत्त और अन्य सदस्य मौजूद रहे.
डॉ अजीत सिन्हा ने बताया किस तरह से जन संचार विभाग 1987 में स्थापित हुआ जैसे कि यह विभाग एक कमरे में शुरू किया गया था और अब एक नया भवन बन कर तैयार है. उन्होंने यह वादा किया कि आरयू पूरी तरह से जन संचार विभाग को आगे बढ़ने में सहायता करेगा और उसे फंड देने की बात भी कही. जोसरू के सचिव डॉ शंकर्षन परिपूर्णन ने कार्यक्रम का संचालन किया और उन्होंने जोसरू के प्रतिवेदन पर प्रकाश भी डाला. कार्यक्रम में जोसारू की पत्रिका ‘स्पंदन’ जिसमें जोसरू के तमाम सदस्यों ने अपनी भागेदारी दी है, उससे सभी अतिथियों को उपहार के तौर पर दिया गया और जन संचार विभाग के नए सूचीपत्र को भी जारी किया गया.
दूसरे सत्र में शुरू पहचान समारोह किया गया, जिसमें इस विभाग के इतिहास में सबसे पहले छात्र अनुज कुमार सिन्हा ने अपने विभाग के अनुभव को सब के साथ साझा किया और बताया कि किस तरह इस विभाग की शुरुआत हुई. उन्होंने बताया किस तरह से उन्होंने सुबह 5 बजे विभाग पहुंच कर अपना दाखिला कराया था. कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक मनोज शर्मा के द्वारा बनाई गई 1987 से अब तक के सभी तस्वीरों की अल्बम को बड़े पर्दे पर दिखा कर किया गया. उसके बाद जोसरू के सभी सदस्यों ने अपना परिचय दिया और उन्हें स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया.
सम्मान समारोह के पूर्व पूर्ववर्ती छात्र मोमिता बैनर्जी ने ‘राधा कैसे न जले ‘ और ‘ तेरी दीवानी’ जैसी गीतों अपने अपने नृत्य से जलवे बिखेरे. साथ ही जाने माने जादूगर अनुराग अन्वेषी ने अपने जादुई पैंतरों से हर किसी को चका चौंध कर के रख दिया. उन्होंने हाथ से सिक्के को गायब करने से ले कर ताश के पत्तों से जादू दिखाया. कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित लेखक किकी सिंह के द्वारा लिखी गयी दो पुरस्कृत किताबों का स्टाल लगाया गया.
कार्यक्रम का समापन अन्य सांस्कृतिक नृत्य एवं गीतों के साथ किया गया. मंच संचालन भूपेश, सुधीर, कुमार संभव, पंकज पाठक, मौमिता और चांदनी ने किया.