रांची विश्वविद्यालय में स्नातक की डिग्री प्रति कुलपति के हस्ताक्षर के बाद ही मिलती है. लेकिन रांची विश्वविद्यालय में जो प्रति कुलपति आये, उन्होंने केवल अपने कार्यकाल की डिग्री पर हस्ताक्षर किये. इस कारण पहले से पेंडिंग डिग्रियां बिना हस्ताक्षर के ही रह गयीं.
फिलहाल रांची विश्वविद्यालय में 2012 से 2016 और 2020 से 2021 तक की डिग्रियों पर प्रति कुलपति के हस्ताक्षर नहीं होने से लगभग एक लाख डिग्रियां पेंडिंग हैं. रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत कुल 29 कॉलेज हैं. यहां स्नातक के एक सत्र में लगभग 22 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं.
इसके अलावा कुल छह वर्ष में 20 हजार के हिसाब से कुल एक लाख डिग्रियां विद्यार्थियों को मिलनी थी, जो नहीं मिलीं. इसके लिए विद्यार्थी विश्वविद्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. वर्ष 2018 के बाद से विद्यार्थियों को उनकी डिग्री कॉलेजों को भेजने की व्यवस्था की गयी है, लेकिन जिनकी डिग्री पर प्रति कुलपति के हस्ताक्षर नहीं हैं, उन्हें लेने के लिए विद्यार्थियों को विवि मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है.
मुझे अभी आये हुए कुछ दिन हुए हैं. मैंने स्नातक की डिग्रियों पर हस्ताक्षर करना शुरू कर दिया है. कोशिश होगी कि पहले की डिग्रियों पर भी हस्ताक्षर हो जाये.
डॉ अरुण कुमार सिन्हा,
प्रति कुलपति, रांची विवि