झारखंड: स्नातकोत्तर नागपुरी विभाग की नयी एचओडी डॉ सविता केशरी का स्वागत, बोलीं-अपने कार्यों में बरतें ईमानदारी
जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ उमेश नन्द तिवारी ने कहा कि डॉ सविता केशरी को नागपुरी विभाग का विभागाध्यक्ष बनाए जाने से बौद्धिक जगत में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. नागपुरी विभाग के साथ-साथ केन्द्र के नौ भाषाओं के शैक्षणिक जगत में नई रोशनी जगमगाएगी.
रांची: डॉ सविता केशरी को स्नातकोत्तर नागपुरी विभाग की नयी एचओडी बनाए जाने पर रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय में सोमवार को स्वागत किया गया. विभागीय शिक्षक डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो एवं डॉ रीझू नायक समेत अन्य ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि आप हमारे गुरु हैं. हम आपके साथ हैं. इस मौके पर नवनियुक्त विभागाध्यक्ष डॉ सविता केशरी ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने कार्यों के प्रति ईमानदारी बरतनी चाहिए. निरंतर प्रयास से व्यक्ति हमेशा सफल होता है. उन्होंने कहा कि आप जैसा काम करेंगे तो समाज में आपकी छवि वैसी ही बनेगी. इसलिए हमेशा अच्छा करने का प्रयास करना चाहिए. आपसी सामंजस्य के साथ विभाग में शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्यों को संपन्न कराना मेरी प्राथमिकता होगी.
बौद्धिक जगत में पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ उमेश नन्द तिवारी ने कहा कि डॉ सविता केशरी को नागपुरी विभाग का विभागाध्यक्ष बनाए जाने से बौद्धिक जगत में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. नागपुरी विभाग के साथ-साथ केन्द्र के नौ भाषाओं के शैक्षणिक जगत में नई रोशनी जगमगाएगी. वर्षों से यहां के छात्र-छात्राओं, शोधकर्ताओं एवं शिक्षाविदों को बौद्धिक संपदा से परिपूर्ण व्यक्तित्व का इंतजार रहा है. ऐसे में टीआरएल विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष, विद्वान साहित्यकार, झारखंड आंदोलन के बौद्धिक मार्गदर्शक की बेटी के रूप में यह कमी पूरी होगी. आपको बता दें कि डॉ सविता केशरी, डॉ उमेश नन्द तिवारी का स्थान लेंगी. इनका कार्यकाल 26 अक्टूबर को समाप्त हो गया.
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अपने कार्यों के प्रति हो ईमानदारी
नवनियुक्त विभागाध्यक्ष डॉ सविता केशरी ने कहा कि हरेक व्यक्ति को अपने कार्यों के प्रति ईमानदारी बरतनी चाहिए. निरंतर प्रयास से व्यक्ति हमेशा सफल होता है. उन्होंने कहा कि आप जैसा काम करेंगे तो समाज में आपकी छवि वैसी ही बनेगी. इसलिए हमेशा अच्छा करने का प्रयास करना चाहिए. जीवन में कई बाधा और कष्ट आयेंगे, परन्तु हमें उनसे विचलित नहीं होना है बल्कि धैर्य के साथ सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. मैं चौबीस घंटे छात्र-छात्राओं व शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध हूं, जहां कोई समस्या आए बेहिचक मुझसे कहें. मैं हरसंभव मदद करने की कोशिश करूंगी. आपसी सामंजस्य के साथ विभाग में शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्यों को संपन्न कराना मेरी प्राथमिकता होगी.
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