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PHD थिसिस तैयार करने में गड़बड़ी, पाकिस्तान में हुए शोध की नकल कर रांची विवि में बनाया शोध पत्र

इसका टॉपिक भी उर्दू नॉवेल में तबकाती शउर (वर्ग चेतना)- कुरूतुल ऐन हैदर और अब्दुल्लाह हुसैन का तकाबुल (तकाबुल यानि तुलना) है. दोनों शोध पत्र के चैप्टर व कंटेंट में समानता है.

रांची विवि अंतर्गत उर्दू विभाग में पाकिस्तान में हुए शोध की नकल कर पीएचडी थिसिस तैयार करने का मामला संज्ञान में आया है. विभाग में शोध पत्र कुरूतुल ऐन हैदर और अब्दुल्लाह हुसैन के नॉवेल में तबकाती शउर : (तबकाती शउर= वर्ग चेतना) एक मुताला टॉपिक के आधार पर तैयार किया गया. यह शोध पत्र पाकिस्तान के एक विवि में वर्ष 2012 में रूबीना अल्मास नाम की शोधार्थी जमा कर चुकी है.

इसका टॉपिक भी उर्दू नॉवेल में तबकाती शउर (वर्ग चेतना)- कुरूतुल ऐन हैदर और अब्दुल्लाह हुसैन का तकाबुल (तकाबुल यानि तुलना) है. दोनों शोध पत्र के चैप्टर व कंटेंट में समानता है. विभाग द्वारा इसकी जानकारी विवि प्रशासन को दी गयी है. विवि प्रशासन को जानकारी मिली है कि कई विषयों में टॉपिक बदल कर थिसिस जमा किये जा रहे हैं, जो किसी अन्य विवि में जमा हो चुके हैं. इसके बाद से विवि प्रशासन ने शोध में नकल रोकने के लिए प्लेजियारिज्म डिसीप्लीनरी अथॉरिटी द्वारा दिये जा रहे सर्टिफिकेट की भी सूक्ष्मता से जांच कराने का निर्णय लिया है.

अब शोध गंगा व शोध गंगोत्री में थिसिस अपलोड होने पर ही मिलेगा रिजल्ट :

रांची विवि प्रशासन एक अक्तूबर 2022 के बाद से पीएचडी रिजल्ट तभी जारी करेगा, जब तक की रजिस्ट्रेशन शोध गंगोत्री तथा थिसिस शोध गंगा में अपलोड किया हुआ नहीं होगा. विवि प्रशासन ने इस बाबत जल्द आदेश जारी करने का निर्णय लिया है.

डीएसपीएमयू के शिक्षक अब भी रांची विवि से करा रहे हैं पीएचडी :

इधर रांची विवि अंतर्गत कई विभाग में डिपार्टमेंटल रिसर्च काउंसिल की बैठक में गलत का विरोध करनेवाले शिक्षकों को गाइड व शोधार्थी द्वारा धमकी तक दी जा रही है. ऐसा ही एक मामला स्नातकोत्तर उर्दू विभाग में पिछले दिनों घटी है. यहां पर कार्यरत एक शिक्षक डॉ रिजवान अली ने किसी शोध पत्र में हो रही गलती का मामला उठाया, तो उनके साथ गाइड व शोधार्थी ने गाली गलौज की. साथ ही जान से मारने की धमकी दी. हंगामा होने पर विभाग में पुलिस भी पहुंची. शिक्षक ने घटना की लिखित व मौखिक रूप से जानकारी विवि प्रशासन को दी है.

गलत का विरोध करनेवाले शिक्षकों को मिल रही है धमकी :

इधर रांची विवि अंतर्गत कई विभाग में डिपार्टमेंटल रिसर्च काउंसिल की बैठक में गलत का विरोध करनेवाले शिक्षकों को गाइड व शोधार्थी द्वारा धमकी तक दी जा रही है. ऐसा ही एक मामला स्नातकोत्तर उर्दू विभाग में पिछले दिनों घटी है. यहां पर कार्यरत एक शिक्षक डॉ रिजवान अली ने किसी शोध पत्र में हो रही गलती का मामला उठाया, तो उनके साथ गाइड व शोधार्थी ने गाली गलौज की. साथ ही जान से मारने की धमकी दी. हंगामा होने पर विभाग में पुलिस भी पहुंची. शिक्षक ने घटना की लिखित व मौखिक रूप से जानकारी विवि प्रशासन को दी है.

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