रांची विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अब घर बैठे मिलेगा एडमिट कार्ड, OMR शीट पर ली जायेगी परीक्षा
रांची विवि के विद्यार्थी अब घर बैठे ऑनलाइन एडमिट कार्ड प्राप्त कर सकेंगे. रांची विवि प्रशासन ने डिजिटाइजेशन की ओर कदम रखते हुए सोमवार से इसकी शुरुआत की. रांची विवि प्रशासन ने वर्तमान परीक्षा ओएमआर आंसर कॉपी पर लेने का निर्णय लिया है.
रांची विवि के विद्यार्थी अब घर बैठे ऑनलाइन एडमिट कार्ड प्राप्त कर सकेंगे. रांची विवि प्रशासन ने डिजिटाइजेशन की ओर कदम रखते हुए सोमवार से इसकी शुरुआत की. विवि प्रशासन ने पहले चरण में इसकी शुरुआत दो फरवरी 2023 से आरंभ होनेवाली स्नातकोत्तर (पीजी) के परीक्षार्थियों से की है. विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा और परीक्षा नियंत्रक डॉ आशीष कुमार झा ने इसे छात्र हित व उनकी सुविधा के लिए विवि द्वारा उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया है.
विवि की पीआरओ डॉ स्मृति सिंह ने बताया कि स्नातकोत्तर की परीक्षा में शामिल होनेवाले सभी परीक्षार्थी सबसे पहले विवि की वेबसाइट (https://www.ranchiuniversity.ac.in) के एग्जामिनेशन पोर्टल पर क्लिक करेंगे. जहां नये वेब पेज पर डाउनलोड एडमिट कार्ड पर क्लिक करना होगा. इसके बाद परीक्षार्थी वांछित सूचनाएं जैसे कोर्स, सेमेस्टर, रोल नंबर, जन्म तिथि आदि के लिए दिये गये दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अपनी तस्वीर और हस्ताक्षर अपलोड करेंगे. अपलोड करने के लिए परीक्षार्थी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आयेगा. इसके माध्यम से ही फोटो और हस्ताक्षर अपलोड हो सकेगा.
ओएमआर शीट पर ली जायेगी परीक्षा
रांची विवि प्रशासन ने वर्तमान परीक्षा ओएमआर आंसर कॉपी पर लेने का निर्णय लिया है. परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए भरी हुई ओएमआर आंसर कॉपी का सैंपल और उसे भरने का निर्देश भी वेबसाइट पर दिया गया है. जिसे परीक्षार्थी प्रवेश पत्र के साथ डाउनलोड कर सकते हैं.
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38 अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र सत्यापन आठ को
जेएसएससी ने इंटरमीडिएट स्तर (कंप्यूटर एवं कंप्यूटर में हिंदी टंकण अर्हता धारक पद हेतु) संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2017 के 38 अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए बुलाया है. सत्यापन आठ फरवरी को आयोग के नामकुम स्थित कायार्लय में होगा. ये वैसे अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने पूर्व में सत्यापन के समय प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया था. ज्ञात हो कि वर्ष 2017 में 3088 पदों पर नियुक्ति के लिए आयोग ने चयन की प्रक्रिया शुरू की थी. सितंबर 2019 में अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन हुआ था.