रांची: रांची मेन रोड हिंसा मामले में मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित दो सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी की जांच पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. क्योंकि, राज्य सरकार द्वारा तीन माह सात दिनों का दिया गया समय समाप्त हो गया है. जांच कमेटी ने गृह विभाग को पत्र भेज कर जांच पूरी करने के लिए और दो माह का समय मांगा है.
जांच टीम घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण के बाद करीब 250 लोगों से पूछताछ कर चुकी है. इनमें रांची पुलिस-प्रशासन से जुड़े अधिकारियों, थाना प्रभारियों, पीड़ित पक्षों, मीडियाकर्मियों और आमलोगों का बयान दर्ज कर चुकी है. पूछताछ के दौरान कई अधिकारियों ने जो पक्ष रखा था, उस पर जांच कमेटी ने फिर से सवाल करते हुए कई बिंदुओं पर जवाब तलब किया था. मामले में पुलिस द्वारा चार्जशीट भी किया गया था.
इसकी सत्यापित कॉपी भी जांच कमेटी ने मांगी थी. कमेटी ने रांची के अफसरों से पूछा था कि घटना के दिन कौन लोग कहां थे. क्या कर रहे थे. घटना से पूर्व क्या उन्हें उपद्रव होने की आशंका थी. अगर आशंका थी, तो उनके द्वारा क्या एहतियाती कदम उठाये गये. कितने लोगों के खिलाफ धारा 107 के तहत कार्रवाई की गयी. संवेदनशील क्षेत्रों में कहां-कहां पर कितनी संख्या में फोर्स की तैनाती की गयी थी.
क्राइम कंट्रोल एक्ट के तहत किसी पर कार्रवाई की गयी या नहीं. क्या आर्म्स एक्ट के बिंदु पर भी कोई एक्शन स्थानीय प्रशासन ने लिया. इस मामले में कुल कितनी एफआइआर हुई और कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया. गैंग्स ऑफ वासेपुर के नाम से व्हाट्सएेप ग्रुप घटना से पूर्व चलाने की बात सामने अायी, तो इस बिंदु पर क्या कार्रवाई हुई.
फॉरेंसिक और तकनीकी बिंदु की जांच में क्या तथ्य सामने आये. गोविंदपुर थाना से आये जैप-3 के जवानों को मांडर उपचुनाव में भेजा जाना था, उन्हें किस परिस्थिति में बिना किसी सुरक्षा उपकरण के मेन रोड में तैनात कर दिया गया था. उक्त बिंदुओं के अलावा भी जांच कमेटी कई अन्य बिंदुओं की जांच के बाद अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचेगी. जांच कमेटी में आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल और एडीडी अभियान संजय आनंद राव लाटकर शामिल हैं.