रांची : रांची हिंसा मामले में मुख्यमंत्री द्वारा गठित दो सदस्यीय कमेटी ने जांच शुरू कर दी. कमेटी में शामिल आपदा प्रबंधन सह पर्यटन सचिव अमिताभ कौशल और एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर सोमवार की शाम सवा पांच बजे के करीब डेली मार्केट थाना पहुंचे और अफसरों से पूछताछ की. वहीं राजधानी में भी तनाव कम होने के साथ साथ जिंदगी सामान्य होने लगी है.
उन्होंने वहां पर मामले में दर्ज प्राथमिकी और घटना के बारे में पुलिस अफसरों से जानकारी ली. इसके बाद वहां से एकरा मस्जिद से सुजाता चौक तक का मुआयना किया. घटना के दिन जुलूस इसी ओर पहले गया था. फिर जुलूस मेन रोड हनुमान मंदिर तक गया था. उसका भी जांच कमेटी ने निरीक्षण किया. हनुमान मंदिर के पीछे ओसीसी रोड, काली मंदिर रोड आदि का भी निरीक्षण किया गया. इस दौरान आम लोग और पुलिस अफसरों से घटना की जानकारी ली. साथ ही उपद्रव में हुए नुकसान को भी देखा.
गुदड़ी में अफवाह के बाद नारेबाजी : दोपहर करीब 12:30 बजे लोअर बाजार थाना क्षेत्र के गुदड़ी में इमारत-ए-शरिया के कार्यालय में आये कुछ मौलाना को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस के आने की अफवाह उड़ी, तो लोग वहां जुटे व नारेबाजी करने लगे. सिटी डीएसपी दीपक कुमार और रैफ के अधिकारी ने लोगों को समझाया.
मेन रोड में हुए उपद्रव पर जिला प्रशासन व पुलिस का एक्शन जारी है. इसी कड़ी में रांची डीसी ने नगर निगम, कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण विभाग, एमवीआइ व टाउन सीओ को पत्र लिखकर उपद्रव के दौरान सार्वजनिक व निजी संपत्ति को हुए नुकसान की जानकारी मांगी है. जांच टीम मंगलवार को घटनास्थल का जायजा लेगी.
रांची. उपद्रव की घटना को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में पीआइएल दायर की गयी है. प्रार्थी पंकज कुमार यादव की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने याचिका दायर की है. मामले की जांच एनआइए, इडी व आयकर से कराने की मांग की है. मामले में राज्य सरकार, मुख्य सचिव, डीसी, एसएसपी, एनआइए निदेशक, इडी निदेशक, आयकर अनुसंधान निदेशक, असदुद्दीन ओवैसी, यास्मीन फारूकी सहित अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है.
Posted By: Sameer Oraon