Jharkhand News : झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने रांची में पिछले दिनों हुए उपद्रव मामले की आज शुक्रवार को सुनवाई की. इस दौरान खंडपीठ ने राज्य सरकार के जवाब पर कड़ी नाराजगी जताई. कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि अनुसंधान के क्रिटिकल समय में रांची के एसएसपी व डेली मार्केट थाना प्रभारी को क्यों हटाया गया. इनके तबादले के पीछे सरकार की मंशा क्या थी. गृह सचिव और डीजीपी को व्यक्तिगत शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट में 5 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.
सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट पेश करें
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने एनआईए से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि एनआईए द्वारा इस मामले की प्रारंभिक जांच की गई है. यदि ऐसा है तो सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. इस मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी.
रांची हिंसा पर रहाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
रांची के मेन रोड में 10 जून को हुए हिंसक उपद्रव की घटना को लेकर पिछले दिनों झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. प्रार्थी पंकज कुमार यादव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. प्रार्थी ने पूरे मामले की जांच एनआईए, ईडी व आयकर से जांच कराने की मांग की है. राज्य सरकार, मुख्य सचिव, उपायुक्त, एसएसपी, एनआईए निदेशक, ईडी निदेशक, आयकर अनुसंधान निदेशक, हैदराबाद के सांसद व एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव यास्मीन फारुकी सहित अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है. इसमें कहा गया है कि रांची के मेन रोड में सुनियोजित साजिश के तहत हिंसक घटना को अंजाम दिया गया है. उपद्रवियों ने प्रतिबंधित अस्त्र-शस्त्र का उपयोग भी किया है और जमकर पत्थरबाजी की है.
रिपोर्ट : राणा प्रताप, रांची