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रांची हिंसा मामले में अब CID करेगी जांच, DGP ने दिया निर्देश, बाल संरक्षण आयोग ने की NIA जांच की अनुशंसा

रांची हिंसा मामले में अब सीआईडी जांच करेगी, वो जल्द ही पुलिस से केस टेक ओवर करेगी. 10 जून को हुए इस घटना में रांची के सीओ अमित भगत की शिकायत पर केस दर्ज हुआ था

रांची : रांची के मेन रोड में 10 जून के उपद्रव मामले में डेली मार्केट थाना में दर्ज केस सीआइडी के हवाले कर दिया गया है. शहर अंचलाधिकारी अमित भगत की शिकायत पर केस दर्ज हुआ था. 10 जून को उपद्रव के दौरान भीड़ द्वारा पत्थरबाजी, फायरिंग करने और सरकारी संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने का आरोप है. डीजीपी नीरज सिन्हा के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय आइजी मानवाधिकार अखिलेश झा ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया.

सीआइडी जल्दी ही पुलिस से केस टोकओवर कर मामले में आगे अनुसंधान शुरू करेगी. इस दौरान गवाहों के बयान और तकनीकी साक्ष्य सहित अन्य आधार पर सीआइडी केस में रिपोर्ट करेगी. घटना में घायल पुलिसकर्मियों का बयान भी लिया जायेगा. केस का अनुसंधानकर्ता पूर्व में डेली मार्केट थाना में पदस्थापित सब-इंस्पेक्टर सुमित भगत को बनाया गया था.

पूर्व नियोजित योजना के तहत हुआ उपद्रव :

शिकायतकर्ता का आरोप था कि मेन रोड में धार्मिक स्थल के पास आठ से 10 लोग पुलिस को लक्ष्य कर पथराव कर रहे थे. उपद्रवियों ने पूर्व नियोजित योजना के तहत मेन रोड स्थित धार्मिक स्थल को लक्ष्य करके दंगा फैलाने के उद्देश्य से पत्थरबाजी की. इस दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. कई राउंड फायरिंग भी की गयी. एसएसपी सहित 10 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये. तब पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग की. 22 लोगों को नामजद आरोपी और आठ से 10 हजार अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था.

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की अनुशंसा, एनआइए से करायें जांच

10 जून को रांची के मेन रोड में हुई हिंसक झड़प सहित देश में विभिन्न जगहों पर हुए सांप्रदायिक दंगों में बच्चों के इस्तेमाल पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने झारखंड के मुख्य सचिव सहित संबंधित प्रदेशों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एनआइए जांच की अनुशंसा की है. उन्होंने कहा है कि सांप्रदायिक हिंसा के ऐसे मामलों में बच्चों का उपयोग करना गैरकानूनी है.

एयरलिफ्ट कर नदीम अंसारी को गुड़गांव किया गया शिफ्ट

रिम्स ट्रॉमा सेंटर के क्रिटिकल केयर में इलाजरत नदीम को शुक्रवार की सुबह एयरलिफ्ट कर गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में शिफ्ट कराया गया. गंभीर रूप से घायल और वेंटिलेटर पर इलाजरत नदीम को मेदांता में न्यूरोलॉजी विभाग की आइसीयू में रखा गया है. वहां न्यूरोलॉजिस्ट डॉ हर्ष सपरा उसका इलाज कर रहे हैं. नदीम की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. नदीम को एयरलिफ्ट करने के लिए रिम्स से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था.

मेन रोड में फिलहाल एहतियात के तौर पर दंडाधिकारी और पुलिस बल तैनात रहेंगे. विशेष शाखा की रिपोर्ट के बाद प्रशासनिक स्तर पर यह निर्णय लिया गया है. रिपोर्ट में फिलहाल सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है. हालांकि, इलाके में स्थिति पूरी तरह सामान्य है और शांतिपूर्ण वातावरण कायम है. रांची के एडीएम रामवृक्ष महतो ने बताया कि एहतियात के तौर पर दंडाधिकारी व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कुछ दिनों के लिए बढ़ा दी गयी है. ज्ञात हो कि 10 जून को रांची के मेन रोड में तोड़फोड़ और पथराव की घटना हुई थी.

हाइकोर्ट में सरकार ने मांगा समय सुनवाई अब आठ को

झारखंड हाइकोर्ट में 10 जून को रांची में हुई हिंसा से संबंधित मामले की शुक्रवार को आंशिक सुनवाई हुई. सरकार की ओर से इस मामले में रिपोर्ट दायर करने के लिए समय मांगा गया. कहा गया कि अभी रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है. इस पर चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन पाठक की खंडपीठ ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तिथि निर्धारित की.

पूर्व सुनवाई में अदालत ने इस मामले में सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. सरकार को खुफिया व फायरिंग के संबंध में जानकारी देनी है. अदालत ने पूछा है कि घटना के दिन एक साथ 10 हजार लोग कैसे जमा हो गये थे. इससे निबटने की क्या तैयारी थी. पंकज यादव की ओर से दायर पीआइएल में घटना की एनआइए से जांच कराने का आग्रह किया गया है.

Posted By: Sameer Oraon

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