Prabhat Khabar Explainer: Ranchi Violence के बाद धारा 144 लागू, समझिए Section 144 और Curfew में अंतर
Ranchi Violence: झारखंड की राजधानी रांची के मेन रोड में शुक्रवार को हुए उपद्रव और पत्थरबाजी के बाद पुलिस मुस्तैद है. मेन रोड सहित शहर के सभी हिस्सों में दुकानें बंद हैं. इधर, सुजाता चौक से फिरायालाल चौक तक एवं इस मार्ग की दोनों तरफ 500 मीटर दूरी तक धारा 144 लागू है.
Ranchi Violence: झारखंड की राजधानी रांची के मेन रोड में शुक्रवार को हुए उपद्रव और पत्थरबाजी के बाद पुलिस मुस्तैद है. मेन रोड सहित शहर के सभी हिस्सों में दुकानें बंद हैं. इधर, सुजाता चौक से फिरायालाल चौक तक एवं इस मार्ग की दोनों तरफ 500 मीटर दूरी तक धारा 144 (Section 144) लागू है. आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं है. रांची में इंटरनेट सेवा भी ठप (internet shutdown) है. इस बीच धारा 144 और कर्फ्यू (Curfew) को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है. आइए जानते हैं कि दोनों में क्या अंतर है.
धारा 144 व इंटरनेट सेवा ठप
रांची के मेन रोड में उपद्रव व पत्थरबाजी के बाद आपसी सौहार्द व शांति बनाये रखने के लिए धारा 144 लागू की गयी है. पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात है. आपको बता दें कि शांति भंग होने की आशंका को देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा धारा 144 लगा दी जाती है. धारा 144 लगाने का उद्देश्य हिंसा वाले इलाके में शांति व्यवस्था बनाये रखना है. किसी भी तरह की जनसभा या रैलियों के आयोजन पर प्रतिबंध होता है. ये धारा इंटरनेट सेवा ठप करने का भी अधिकार देती है. धारा 144 का उल्लंघन करने पर अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है.
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बढ़ाई जा सकती है धारा 144 की अवधि
जब धारा 144 लागू होती है, तो उसके तहत जारी आदेश दो माह से अधिक समय के लिए लागू नहीं रह सकता है. इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है, लेकिन अधिकतम अवधि 6 महीने से अधिक नहीं हो सकती है. स्थिति सामान्य होने पर धारा 144 हटा दी जाती है.
धारा 144 का मतलब नहीं होता कर्फ्यू
धारा 144 और कर्फ्यू दोनों एक नहीं है. दोनों में काफी अंतर है.
1. धारा 144 के तहत पांच या पांच से अधिक लोगों का एक जगह जमा होने पर प्रतिबंध होता है.
2. क्षेत्र विशेष में रोड पर निकलना या चलना (सरकारी कार्यक्रम या सरकारी पदाधिकारियों को छोड़कर) भी प्रतिबंधित होता है.
3. किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र लेकर निकलने या चलने पर रोक होता है.
4. हरवे-हथियार लेकर नहीं निकल सकते हैं.
5. जुलूस, रैली व जनसभा पर रोक लगी रहती है
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1. कर्फ्यू लागू होने पर लोगों को निर्धारित समय तक के लिए घर के अंदर रहने का आदेश दिया जाता है.
2. कर्फ्यू में समय तय (निर्धारित) किया जाता है. जरूरी होने पर कर्फ्यू की अवधि को बढ़ायी भी जाती है.
3. कर्फ्यू में धारा 144 से ज्यादा सख्ती होती है. कर्फ्यू के दौरान घर से बाहर निकलने के लिए परमिशन चाहिए. बिना अनुमति लिए आप घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं.
4. कर्फ्यू में ट्रैफिक पर भी रोक रहती है. सिर्फ आवश्यक सेवाओं को छूट दी जाती है.
धारा 144 और कर्फ्यू के बीच का अंतर समझिए
धारा 144 संबंधित क्षेत्र में चार या उससे अधिक लोगों के जमा होने पर रोक लगाती है, जबकि कर्फ्यू के दौरान एक टाइम पीरियड में लोगों को घर के अंदर रहने का निर्देश दिया जाता है. यातायात पर पूरी तरह रोक लगा दिया जाता है. स्कूल, कॉलेज, बाजार, ऑफिस कर्फ्यू में बंद रहते हैं. इस दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही अनुमति दी जाती है.
3 साल की सजा का प्रावधान
कहीं धारा 144 लागू है. इसके बावजूद यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है. इसके लिए अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है.
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रिपोर्ट : गुरुस्वरूप मिश्रा