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वर्ष 2032-33 में रांची मेगा सिटी में 509 मेगावाट होगी बिजली की मांग

केंद्रीय विद्युत प्राधिकार की बैठक में जेबीवीएनएल ने पिछले 10 वर्षों में हुई बिजली की खपत और आनेवाले 10 वर्षों में बिजली की संभावित खपत पर रिपोर्ट दी. रांची में इस समय पीक आवर में 367 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती है.

सुनील चौधरी, रांची. रांची में इस समय पीक आवर में 367 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती है. पर आने वाले दिनों में बिजली की मांग बढ़ेगी. वर्ष 2032-33 में रांची मेगा सिटी में 509 मेगावाट बिजली की डिमांड होगी. इसके लिए आधारभूत संरचना का निर्माण जेबीवीएनएल को करना होगा. नयी दिल्ली में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीइए) के साथ हुई बैठक में रांची एरिया बोर्ड के जीएम पीके श्रीवास्तव ने पिछले 10 वर्षों में हुई बिजली की खपत और आनेवाले 10 वर्षों में बिजली की संभावित खपत पर रिपोर्ट दी है.

सीइए ने पावर डिमांड फोरकास्ट फॉर द मेगा सिटीज ऑफ इस्टर्न इंडिया पर बैठक की थी. झारखंड से रांची को मेगा सिटी माना गया है और इसके भविष्य में इसके पावर डिमांड पर रिपोर्ट मांंगी गयी थी. बैठक में जीएम ने यह भी बताया कि भविष्य में रांची की सभी एलटी लाइन को भूमिगत किया जायेगा. पावर सब स्टेशन से लेकर ट्रांसफाॅर्मर की क्षमता भी बढ़ायी जायेगी. इसके लिए योजना बनायी जा रही है.

वर्ष 2011 में 276 मेगावाट थी बिजली की मांग

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2011-12 में रांची में 276 मेगावाट बिजली की खपत होती थी. वर्ष 2019-20 में बिजली की मांग बढ़ कर 313 मेगावाट पहुच गयी थी. वहीं, वर्ष 2023-24 में मार्च तक पीक आवर में 353 मेगावाट बिजली की मांग थी, जो अप्रैल 2024 में बढ़ कर 367 मेगावाट तक पहुंच गयी है. वर्ष 2025-26 में यह मांग 379 मेगावाट, वर्ष 2027-28 में 448 मेगावाट, वर्ष 2029-30 में 472 मेगावाट, वर्ष 30-31 में 483 मेगावाट और 2032-33 में बिजली की मांग 509 मेगावाट तक हो जायेगी.

सबसे अधिक घरेलू उपभोक्ता करते हैं बिजली की खपत

रांची में सर्वाधिक बिजली की खपत घरेलू व औद्योगिक उपभोक्ता करते हैं. वर्तमान में घरेलू उपभोक्ता 42.78 प्रतिशत और औद्योगिक उपभोक्ता 38.86 प्रतिशत बिजली का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, सबसे कम सिंचाई के लिए सिर्फ 0.14 प्रतिशत बिजली का इस्तेमाल होता है. वहीं, वर्ष 2032-33 में घरेलू उपभोक्ता 43.95 प्रतिशत, औद्योगिक उपभोक्ता 36.56 प्रतिशत व सिंचाई में 0.17 प्रतिशत बिजली की खपत होगी.

टीएंडडी लॉस कम किया जायेगा

भविष्य में रांची मेगा सिटी में टीएंडडी लॉस कम करने की योजना बनायी गयी है. वर्तमान समय में रांची में 17 प्रतिशत के करीब टीएंडडी लॉस होता है. पर वर्ष 2032-33 में इसे घटाकर 9.95 प्रतिशत पर लाया जायेगा.

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