नहीं सुधर रही रांची की ट्रैफिक व्यवस्था, क्या कार्रवाई हुई : हाइकोर्ट
झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी रांची में ट्रैफिक की लचर व्यवस्था को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा कि राजधानी रांची में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं दिख रहा है.
वरीय संवाददाता (रांची).
झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी रांची में ट्रैफिक की लचर व्यवस्था को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा कि राजधानी रांची में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं दिख रहा है. जाम की समस्या से लोग परेशान हैं. महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) में सुजाता चौक से लेकर अलबर्ट एक्का चौक तक ट्रैफिक नियमों का रोज उल्लंघन होता है. ट्रैफिक नियमों का पालन कराने को लेकर क्या कार्रवाई की गयी है. हाइकोर्ट ने कहा, इस मार्ग पर नियम का पालन नहीं करनेवाले ट्रिपल राइडिंग व बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलानेवालों का चालान काटा गया है या नहीं. ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने पर राजधानी के किस इलाके में सबसे अधिक चालान कटता है. किस-किस जगह पर सीसीटीवी कैमरा लगा है, कहां-कहां कैमरा ठीक है तथा कहां पर खराब है. खंडपीठ ने राज्य सरकार से ट्रैफिक पोस्ट के बारे में भी जवाब देने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने पूछा कि हाइकोर्ट के गेट नंबर-दो, मेकन चौक के पास बिना ट्रैफिक पोस्ट के पुलिसकर्मी सड़कों पर सुबह नाै बजे से रात के नाै बजे तक खड़े रहते हैं. ट्रैफिक पोस्ट का निर्माण क्यों नहीं किया गया है. रात में नाै बजे के बाद शहर में ट्रैफिक पुलिसकर्मी नहीं रहते हैं. उसके बाद नियमों का पालन नहीं करनेवालों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलता है या नहीं. सरकार से पूछा कि रांची में 900 स्वीकृत पद के विरुद्ध 371 ट्रैफिक पुलिसकर्मी काम कर रहे हैं. रिक्त पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाया गया है. ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को वाहनों की गति की जांच करनेवाले उपकरण, गलत पार्किंग में लगे वाहनों को उठाने के लिए टोइंग ट्रक आदि की व्यवस्था करने के लिए क्या कार्रवाई की गयी है. राज्य सरकार को विस्तृत जवाब देने को कहा गया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 15 मई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व एमीकस क्यूरी प्रशांत पल्लव की ओर से अधिवक्ता शिवानी जालुका ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राहुल कुमार दास ने जनहित याचिका दायर की है.फुटपाथ दुकानदारों को धीरे-धीरे हटाया जायेगा :
झारखंड हाइकोर्ट ने फुटपाथ दुकानदारों को हटाने के पूर्व उनके पुनर्वास को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम को जवाब दायर करने और समय देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया. साथ ही हस्तक्षेपकर्ता की दलील पर खंडपीठ ने कहा कि आज नहीं सुना जायेगा. अगली सुनवाई में कोर्ट सुनेगा. मौखिक रूप से कहा कि शहर की सड़क से फुटपाथ दुकानदारों को धीरे-धीरे हटाया जायेगा. पहले लालपुर चौक से डिस्टलरी पुल तक की सड़क को फुटपाथ दुकानदारों से खाली कराया जाये, ताकि लोगों को आने-जाने में परेशानी नहीं हो सके. खंडपीठ ने हस्तक्षेपकर्ता की आइए याचिका को देखते हुए कहा कि जब अच्छा काम होता है, तो अवरोध डालने के लिए लोग आ जाते हैं. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 15 मई की तिथि निर्धारित की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है