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खर्च के ब्योरे के साथ बैंक स्टेटमेंट देंगे रेंज अफसर, अबतक इन वन प्रमंडलों ने नहीं दिया हिसाब

रेंज अफसरों को अब खर्च के ब्योरे के अलावा बैंक स्टेटमेंट और मस्टर रोल के साथ मजदूरों का मोबाइल नंबर भी देना होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 29, 2020 11:34 AM

शकील अख्तर, रांची : रेंज अफसरों को अब खर्च के ब्योरे के अलावा बैंक स्टेटमेंट और मस्टर रोल के साथ मजदूरों का मोबाइल नंबर भी देना होगा. मजदूरों को डीबीटी से भुगतान होने तक यह व्यवस्था लागू रहेगी. रेंज अफसरों द्वारा करीब पांच करोड़ रुपये का हिसाब नहीं देने और गबन का मामला प्रकाश में आने के बाद वन सचिव ने खर्च के हिसाब-किताब के लिए यह व्यवस्था लागू की है. यह निर्णय भी लिया गया है कि चालू वित्तीय वर्ष से वन विभाग की योजनाओं का नियमित रूप से सोशल ऑडिट होगा.

वहीं सरकार आवश्यकता के अनुसार थर्ड पार्टी मूल्यांकन भी करायेगी. इस बीच प्रधान महालेखाकार (अकाउंट्स) ने भी तीन साल पहले के खर्च का हिसाब अब तक नहीं देने की जानकारी वन विभाग को दी है. विभाग में 2013-14 से पहले तक वन प्रमंडल पदाधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपये की निकासी कर उसे रेंजरों को सौंप दिया जाता था.

रेंजर यह रकम कार्यालय में बने आयरन चेस्ट में रखते थे. इस व्यवस्था के लागू रहने के दौरान हुई वित्तीय गड़बड़ी के मामलों के देखते हुए इसे बदला गया. नयी व्यवस्था के तहत रेंज अफसरों को अपने पदनाम से खोले गये बैंक खाते में निकासी की रकम रखने की अनुमति दी गयी. इस नयी व्यवस्था में भी बड़े पैमाने पर करोड़ों की गड़बड़ी और गबन के मामले पकड़े गयेे.

तीन साल से हिसाब नहीं देनेवालों का उदाहरण

वन प्रमंडल राशि (लाख में)

वन प्रमंडल गढ़वा, दक्षिणी 17.62

वन प्रमंडल हजारीबाग, पूर्वी 18.56

गज परियोजना,जमशेदपुर 39.90

वन प्रमंडल कोडरमा 23.75

सामाजिक वानिकी, लातेहार 44.64

वन प्रमंडल, मेदिनीनगर 63.86

कोल्हान वन प्रमंडल, चाईबासा 41.50

वन प्रमंडल, देवघर 12.69

सामाजिक वानिकी,दुमका 5.80

वन संरक्षक एवं वन वृक्ष विज्ञानी 3.78

वन प्रमंडल गुमला 4.68

वन प्रमंडल गिरिडीह पश्चिमी 3.18

डीबीटी से भुगतान होने तक यह व्यवस्था लागू

रेंज अफसरों पर पांच करोड़ का हिसाब नहीं देने के आरोप, वन सचिव ने की नयी व्यवस्था

चालू वित्तीय वर्ष से वन विभाग की योजनाओं का नियमित सोशल ऑडिट होगा

दर्जन भर रेंज अफसरों पर विभागीय कार्यवाही : गबन और गड़बड़ी के मामले में दर्जन भर से ज्यादा रेंज अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चल रही है. कुछ के खिलाफ वसूली का आदेश भी दिया जा चुका है. कुछ पर प्राथमिकी दर्ज है. प्रधान महालेखाकार (अकाउंट्स) ने वन विभाग को रिपोर्ट भेज कर विभिन्न वन प्रमंडलों से तीन साल पहले(2018-19) के खर्च का हिसाब नहीं मिलने की जानकारी दी है. साथ ही खर्च का ब्योरा जल्द उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.

Post by : Pritish sahay

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