रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने नेशनल शूटर तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न व दहेज प्रताड़ना मामले में सजायाफ्ता रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल की ओर से क्रिमिनल अपील के तहत दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस आनंद सेन व जस्टिस गाैतम कुमार चाैधरी की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान प्रार्थी व सरकार का पक्ष सुनने के बाद रंजीत कोहली को जमानत देने से इनकार कर दिया. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि वह पति-पत्नी के रूप में थे. इसलिए उन पर दुष्कर्म का मामला नहीं बनता है. उनकी ओर से जमानत देने का आग्रह किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल की ओर से क्रिमिनल अपील याचिका दायर कर उम्र कैद की सजा को चुनाैती दी गयी है. साथ ही आइए याचिका दायर कर जमानत की मांग की थी. इस मामले में पूर्व में झारखंड हाइकोर्ट से रकीबुल की मां कौशल रानी व बर्खास्त रजिस्ट्रार विजिलेंस मुश्ताक अहमद को जमानत मिल चुकी है. सीबीआइ रांची के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने रकीबुल की मां कौशल रानी को 10 साल की सजा सुनायी थी. साथ ही रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद को 15 साल की सजा सुनायी गयी थी, जबकि रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल को अंतिम सांस तक जेल में रहने को लेकर उम्र कैद की सजा सुनायी गयी थी.
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