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दुष्कर्म पीड़िताओं को एक ही छत के नीचे सारी सुविधा मिले

हाइकोर्ट ने कहा : पीड़िता को सरकार चतुर्थ वर्ग की नौकरी देने पर भी करे विचार

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता को मेडिकल, घर, बच्चों की पढ़ाई आदि को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान प्रार्थी, एमीकस क्यूरी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. खंडपीठ ने माैखिक रूप से राज्य सरकार से कहा कि रेप विक्टिम को मेडिकल सुविधा, उनके बच्चे की शिक्षा, रोजगार आदि पर विचार करना चाहिए. सरकार प्रार्थी (दुष्कर्म पीड़िता) को चतुर्थ वर्गीय पद पर नियुक्त करने पर भी विचार कर सकती है. खंडपीठ ने रांची के उपायुक्त को निर्देश दिया कि वह प्रार्थी के बच्चे का नामांकन किसी अच्छे स्कूल में कराये. एसएसपी को निर्देश दिया कि प्रार्थी की बच्ची की सुरक्षा में तैनात बॉडीगार्ड की वह मॉनिटरिंग करे तथा परिवार को समुचित सुरक्षा उपलब्ध करायी जाये. खंडपीठ ने एमीकस क्यूरी के सुझाव पर कहा कि रेप विक्टिम के लिए तेलंगाना के हैदराबाद में भरोसा केंद्र जैसी सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध है. वैसी सुविधा झारखंड में उपलब्ध कराने के बिंदु पर राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी (पीड़िता) की ओर से बताया गया कि पीड़िता को कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है. उन्हें उचित मुआवजा भी नहीं मिलता है. मेडिकल सुविधा, उनके बच्चे की पढ़ाई की व्यवस्था भी होनी चाहिए. वहीं एमीकस क्यूरी अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने सुझाव दिया कि तेलंगाना में दुष्कर्म की घटना होने पर पीड़िता के लिए एक ही छत (भरोसा केंद्र) के नीचे सभी सुविधा उपलब्ध करायी जाती है. भरोसा केंद्र जैसी सुविधा झारखंड में भी उपलब्ध कराने का आग्रह किया. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि प्रार्थी के बच्चों का हरमू स्थित सरकारी मध्य विद्यालय में नामांकन कराया गया है, लेकिन वह बेहतर स्कूल में नामांकन कराना चाह रही हैं. उनके रहने के लिए आवास बोर्ड की ओर से एलआइजी आवास उपलब्ध कराया गया है.

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