रांची : मोरहाबादी स्थित रतन हाइट्स बिल्डिंग के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील याचिका पर चार अक्टूबर को सुनवाई होगी. प्रतिवादी के अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया के शीघ्र सुनवाई करने के आग्रह को स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने सुनवाई की तिथि निर्धारित की. अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने विशेष मेंशन करते हुए बताया कि एकल पीठ के आदेश का बिल्डर द्वारा पालन नहीं किया गया है. रतन हाइट्स बिल्डिंग के बगल में स्थित गड्ढे को नहीं भरा गया है. हो रही भारी बारिश की वजह से रतन हाइट्स की एक और चहारदीवारी गिर गयी. निर्माण के लिए खोदे गये विशाल गड्ढे में पानी भर गया है. गड्ढे का पानी रतन हाइट्स बिल्डिंग के नींव के भीतर प्रवेश करने की आशंका पैदा हो गयी है. बिल्डिंग में रहनेवाले लोग भयभीत हैं.
एकल पीठ ने 13 जुलाई को आदेश पारित कर नगर आयुक्त द्वारा संशोधित नक्शा पास किये जाने के आदेश व संशोधित नक्शा को रद्द कर दिया था. पीठ ने कहा था कि जो कॉमन एरिया था, वह कॉमन एरिया ही रहेगा. जमीन मालिक व बिल्डर वीकेएस रियलिटी को गड्ढा भरने तथा जमीन पर यदि कोई निर्माण किया गया है, तो उसे हटाने का निर्देश दिया था. एक माह के अंदर जमीन को सोसाइटी को हैंड ओवर करने को कहा था. उल्लेखनीय है कि बिल्डर व जमीन मालिक ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है.
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रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम-1996 के तहत नियमावली लागू करने को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद कहा कि प्रार्थियों द्वारा दर्ज करायी गयी आपत्तियों पर पंचायती राज विभाग के सचिव विचार करेंगे. मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से बताया गया कि झारखंड पंचायत प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) नियम-2022 से संबंधित आपत्ति दर्ज करायी गयी है. आपत्ति का निराकरण करना राज्य सरकार का दायित्व है. याचिका सुशील कुमार मुरमू व अन्य की ओर से अलग-अलग दायर की गयी है.
झारखंड हाइकोर्ट ने कांके विधायक समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील याचिकाअों पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने राज्य जाति छानबीन समिति द्वारा समरी लाल के मामले में निर्णय लेने पर पूर्व में लगी रोक को बरकरार रखा. अगली सुनवाई अब पांच दिसंबर को होगी़ पूर्व की सुनवाई में खंडपीठ ने अंतरिम आदेश देते हुए कहा था कि राज्य जाति छानबीन समिति की जांच कांके विधायक समरी लाल के मामले में जारी रहेगी, लेकिन समिति अपना अंतिम आदेश पारित नहीं करेगी.