रथयात्रा निकालने के मामले पर झारखंड हाइकोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार, बोला- ये सरकार का निर्णय

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के आयोजन को लेकर दायर पीआइएल पर चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. जगरनाथ मंदिर न्यास समिति की ओर से पीआइएल दायर कर भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने की मांग की गयी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 10, 2021 7:28 AM

Jharkhand High Court On Rath Yatra 2021 रांची : भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकालने के मामले में शुक्रवार को झारखंड हाइकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और अब निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया है. खंडपीठ ने राज्य सरकार को इसे लेकर कोई दिशा-निर्देश देने से इनकार कर दिया. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि यह सरकार का नीतिगत फैसला है. कोर्ट सरकार को निर्देश नहीं देगा.

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के आयोजन को लेकर दायर पीआइएल पर चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. जगरनाथ मंदिर न्यास समिति की ओर से पीआइएल दायर कर भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने की मांग की गयी थी.

खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार स्वयं रथयात्रा निकालने पर निर्णय ले. अगर सरकार रथयात्रा निकालने का निर्णय लेती है, तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुरी में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के मामले में पारित गाइडलाइन का अनुपालन करना जरूरी होगा. खंडपीठ ने अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार से कहा कि वह राज्य सरकार को कोर्ट के फैसले से अविलंब अवगत करा दें. कोर्ट से आदेश जारी होने में देरी हो सकती है. ऐसे में सरकार शीघ्र निर्णय ले सकती है.

रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने का आग्रह किया :

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता (पूर्व महाधिवक्ता) अजीत कुमार ने खंडपीठ को बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए आम श्रद्धालुओं को प्रतिबंधित किया गया है. छोटानागपुर की ऐतिहासिक रथयात्रा 12 जुलाई को है.

समय बहुत कम है. ओड़िशा के पुरी में निकाली जा रही रथयात्रा की तर्ज पर रांची में भी रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने का आग्रह किया, जिसमें 101 श्रद्धालु शामिल हों. उन्होंने कहा कि मां छिन्नमस्तिका मंदिर में पूजा के लिए पूर्व में दिये गये आदेश के आलोक में भी रथयात्रा निकालने की अनुमति दी जा सकती है.

राज्य सरकार को कराया जायेगा अवगत :

राज्य सरकार की ओर से पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने खंडपीठ की भावना से आज ही राज्य सरकार को अवगत कराने की बात कही. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने मंदिरों में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया है.

Posted by : Sameer Oraon

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