Rath Yatra 2024: भगवान जगन्नाथ आज लौटेंगे मुख्य मंदिर, मंगलवार को लगाया गया था गुंडिचा भोग, देखें तस्वीरें
रथ मेला में मंगलवार को लोगों ने जमकर खरीदारी की. महिलाओं ने घरेलू सामान खरीदा और बच्चों संग झूला का आनंद लिया. वहीं रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण लोगों का आनंद थोड़ा फीका रहा.
रांची: भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम व बहन सुभद्रा बुधवार को मौसीबाड़ी से अपने धाम यानी मुख्य मंदिर लौट जायेंगे. इसे घुरती रथयात्रा भी कहा जाता है. इससे पूर्व मंगलवार को संध्या पूजन में भगवान जगन्नाथ व अन्य विग्रहों को गुंडिचा (गंज) का भोग लगाया गया. भगवान को खीर, खिचड़ी और सब्जी एक साथ परोसा गया. पकवान मंदिर के सेवादार ने तैयार किया. मंदिर के प्रथम सेवक ठाकुर सुधांशु नाथ शाहदेव ने बताया कि साल में यही एक दिन ऐसा होता है, जब भगवान को खीर और खिचड़ी एक साथ भोग लगाया जाता है. भोग लगाने के बाद भव्य महाआरती की गयी. इसके बाद करीब 10 हजारों लोगों के बीच भोग का वितरण किया गया.
लोगों ने जमकर खरीदारी की
रथ मेला में मंगलवार को लोगों ने जमकर खरीदारी की. महिलाओं ने घरेलू सामान खरीदा और बच्चों संग झूला का आनंद लिया. वहीं रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण लोगों का आनंद थोड़ा फीका रहा. वहीं मेला में आये लोगों ने सर्वप्रथम मौसीबाड़ी में भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना की. इसके बाद मेला का आनंद उठाया. लोगों ने अपनी जरूरत के हिसाब से मेला मे लगायी गयी दुकानों से खरीदारी की.
रातू में घुरती रथयात्रा मेला आज, श्रद्धालुओं में उल्लास
रातू में घूरती रथयात्रा मेला की तैयारी पूरी हो चुकी है. नौ दिनों तक मौसीबाड़ी में विश्राम के बाद दसवें दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ रथ पर आरूढ़ होकर मुख्य मंदिर लौटेंगे. इस अवसर पर मेला का भी आयोजन किया जायेगा. रथयात्रा को लेकर रातू किला परिसर में दुकानें सज चुकी हैं. बुधवार की दोपहर चार बजे सैकड़ों भक्त भगवान जगन्नाथ समेत सभी विग्रहों को रथ पर आरूढ़ कर रस्सी से खींच मुख्य मंदिर तक लायेंगे. रथयात्रा को लेकर प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गयी है.
तीन अलग-अलग रथों पर सवार होकर मौसीबाड़ी से घर लौटे महाप्रभु
मौसीबाड़ी में रहने के बाद प्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्र व बड़े भाई बलराम तीन अलग-अलग रथों पर सवार होकर मंगलवार को चांडिल स्टेशन स्थित मौसीबाड़ी से घर लौट आये. मौसीबाड़ी से प्रभु के घर वापसी रथयात्रा (बहुड़ा यात्रा) धूमधाम से निकली. इसके पूर्व साधु बांध मठिया में भक्तों के बीच भंडारा का आयोजन किया गया. भंडारा के बाद दोपहर करीब 3.30 बजे चांडिल स्टेशन स्थित मौसीबाड़ी से प्रभु जगन्नाथ अपने घर के लिए निकले. बहुड़ा रथयात्रा की अगुवाई श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता सह पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती कर रहे थे. रथ के आगे-आगे भजन मंडली साथ-साथ चल रही थी. चांडिल स्टेशन के निकट मौसीबाड़ी से प्रभु एनएच-32 होते हुए साधु बांध मठिया संन्यासी आश्रम स्थित अपने घर पहुंचे.
खूंटी में निकली घुरती रथयात्रा मेला, उमड़े श्रद्धालु
खूंटी में घुरती मेला का धूमधाम से आयोजन किया गया. नौ दिनों तक मौसीबाड़ी में विश्राम के बाद मंगलवार को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को रथ पर आरूढ़ किया गया. वहीं जयकारे के साथ सभी विग्रहों को मुख्य मंदिर लाया गया. इस दौरान स्थानीय मिश्राटोली स्थित दुर्गा मंदिर से निकली घुरती रथयात्रा मेला में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी रही. रथयात्रा नेताजी चौक, भगत सिंह चौक, बाजारटांड़ होते हुए सीआरपीएफ 94 बटालियन परिसर तक गयी. सीआरपीएफ 94 बटालियन की ओर से आयोजित मेले में बड़ी संख्या में जवान, पुलिसकर्मी और श्रद्धालु शामिल हुए. सभी भगवान जगन्नाथ के भजन पर झूमते हुए चल रहे थे.