रेबिका के पिता सूर्या पहाड़िया और छोटा भाई अरसन मालतो ने दावा किया है कि यह हत्या धर्मांतरण का विरोध करने पर की गयी है. रेबिका पहाड़िन ईसाई समुदाय से थी. उन्होंने कहा कि शादी के बाद दिलदार के परिवारवाले धर्मांतरण के लिए रेबिका पर लगातार दबाव बना रहे थे. इसका विरोध करना रेबिका को भारी पड़ा.
इधर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईसाई रीति-रिवाज से मंगलवार दोपहर ताबूत में बंद रेबिका पहाड़िन के खंडित शव का अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव गोंडा पहाड़ में कर दिया गया. अंतिम संस्कार में डीसी रामनिवास यादव, एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा शामिल थे. सोमवार को रेबिका के खंडित शव का पोस्टमार्टम, फोरेंसिक जांच दुमका मेडिकल कॉलेज में हुआ.
मंगलवार सुबह शव के घर पहुंचते ही ताबूत पर लिपट कर परिजन रोने लगे. डीसी ने कहा कि परिजनों को उचित मुआवजा दिलाया जायेगा. डालसा की तरफ से रिपोर्ट तैयार की जा रही है. रिपोर्ट तैयार होते ही पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा. वहीं मृतका की पांच वर्षीय बेटी रिया पहाड़िन के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था की जायेगी. परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी भी दी जायेगी. एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने कहा कि मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
राज्यपाल रमेश बैस ने रेबिका पहाड़िन की हत्या की जांच जल्द कराने की बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कही. उन्होंने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई कर जल्द आरोपियों को सजा दिलायें, ताकि मृतका के परिजनों को इंसाफ मिल सके. राज्यपाल ने कहा कि लॉ एंड आर्डर को गंभीरता से लेने की जरूरत है. उन्होंने सीएम से कहा कि हमने डीजीपी को बुला कर रेबिका हत्याकांड के बारे में जानकारी ली है. मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने राज्यपाल से कहा कि इस मामले को लेकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.