Coronavirus Impact On Jharkhand Economy रांची : कोरोना ने लाखों लोगों का रोजगार छीन लिया है. पहली लहर में तो स्थिति भयावह हो गयी थी. तब भी लोगों को कृषि ने सहारा दिया. दूसरे राज्यों से बेरोजगार होकर लौटे लोग अपने-अपने गांव में खेती में जुटे, जिसका नतीजा राज्य में बंपर उत्पादन था. इस दूसरी लहर में भी जब कई सेक्टर में काम बंद है, कई में मंदी है, तब भी कृषि सेक्टर ही उम्मीद बंधाती है. किसान ही एक बार फिर संकटमोचक की भूमिका में हैं.
एक फसली खेती करनेवाले झारखंड के कृषि का सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में नौ फीसदी के आसपास योगदान है. राज्य के टॉप तीन सेक्टर में एक कृषि भी है. इस सेक्टर से करीब डेढ़ करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है. कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक यहां करीब 30 लाख किसान हैं. रबी-खरीफ मिला कर करीब 70.42 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन यहां के किसानों ने वर्ष 2019-20 में किया.
राज्य में पहली बार किसानों को मई माह में बीज की आपूर्ति शुरू कर दी गयी है. सरकार ने इस बार पहले वैसे जिलों तक बीज पहुंचायी, जो रोहिणी नक्षत्र में धान लगाते हैं. राज्य की कृषि निदेशक निशा उरांव के अनुसार दूसरे चरण में वैसे जिलों को लक्ष्य किया गया, जो रोपा धान लगाते हैं. करीब-करीब राज्य के सभी जिलों में लैम्पस और पैक्स के माध्यम से किसानों तक बीज पहुंचायी जा रही है. किसानों को एसएमएस के माध्यम से बीजों के पहुंच जाने की जानकारी भी दी जा रही है.
खेती योग्य भूमि सिंचित एरिया
12 लाख हेक्टेयर 38 लाख हेक्टेयर
2015-16 18.71 19.25
2016-17 22.87 54.70
2017-18 23.60 55.65
2018-19 20.30 34.15
2019-20 20.00 40.59
किसानों के साथ-साथ राज्य सरकार भी इस बार खरीफ में बंपर उत्पादन की तैयारी में लग गयी है. कृषि विभाग ने करीब 28 लाख हेक्टेयर में खरीफ की खेती का लक्ष्य रखा है. इतनी जमीन पर खेती हुई, तो 60 लाख टन से अधिक खाद्यान्न का उत्पादन होने का पूर्वानुमान है. इसके लिए राज्य सरकार किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर बीज देगी. किसानों के बीच खरीफ मौसम में करीब 43483 क्विंटल बीज बांटा जायेगा. इसमें करीब 39860 क्विंटल बीज धान और 2375 क्विंटल बीज मक्का का होगा. इसके अतिरिक्त तेलहन और दलहन के भी कुछ बीज बांटे जाने हैं. सभी बीज किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर दिये जाते हैं.
खरीफ राज्य की प्रमुख फसल है. किसानों को समय से बीज और खाद मिल जाये, इसके लिए प्रयास किये गये हैं. बीज मिलने भी लगा है. खाद सही कीमत पर मिले, इसकी पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है. ज्यादा दाम पर खाद-बीज बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. विभाग के अधिकारियों के प्रयास से कृषि विभाग का कैलेंडर भी तैयार हो गया है. इसमें कौन फसल कब लगनी है, इसका पूरा स्वरूप है.
बादल पत्रलेख, कृषि मंत्री झारखंड
Posted By : Sameer Oraon