साहिबगंज के चाइल्ड ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चों को जल्द बरामद करने का निर्देश

हाइकोर्ट ने कहा : यूआइडीएआइ लापता बच्चों के आधार कार्ड के बायोमेट्रिकस डिटेल उपलब्ध कराने के सरकार के आवेदन पर जल्द निर्णय ले

By Prabhat Khabar News Desk | October 30, 2024 12:44 AM

वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने साहिबगंज में चाइल्ड ट्रैफिकिंग से जुड़े एक मामले में क्रिमिनल अपील याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस सुभाष चंद की खंडपीठ ने लापता बच्चों को जल्द बरामद करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने इस बात पर नाराजगी जतायी कि यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआइडीएआइ) को आवेदन देकर लापता बच्चों से संबंधित बायोमेट्रिक्स डिटेल मांगे जाने के बावजूद उपलब्ध नहीं कराया गया. यूआइडीएआइ ने कानून का हवाला देते हुए उक्त जानकारी देने से मना कर दिया. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि लापता बच्चों का मामला संवेदनशील है. इन मामलों में यूआइडीएआइ को लचीला रुख अपनाना चाहिए, ताकि बच्चों को बरामद करने में मदद मिल सके. खंडपीठ ने यूआइडीएआइ को बच्चों के आधार कार्ड से संबंधित मांगे गये बायोमेट्रिक्स डिटेल को उपलब्ध कराने के बिंदु पर जल्द निर्णय लेने का निर्देश देते हुए शपथ पत्र दायर करने को कहा. खंडपीठ ने मामले में राज्य सरकार को यह बताने का निर्देश दिया कि दोनों लापता बच्चों को खोजने के लिए वर्तमान में क्या-क्या कदम उठाये गये हैं. अन्य दूसरे बच्चों की ट्रैफिकिंग से बचाव के लिए क्या उपाय या तंत्र विकसित किया गया है, उसकी भी जानकारी दी जाये. मामले की अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी. इससे पूर्व यूआइडीएआइ की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी कुलदेव साह की ओर से अलग-अलग क्रिमिनल अपील याचिका दायर की गयी है. क्या है मामला : कुलदेव साह व अन्य के खिलाफ एम हेंब्रम ने साहिबगंज की अदालत में अपने बेटे की चाइल्ड ट्रैफिकिंग करने को लेकर शिकायतवाद संख्या-148/2022 दर्ज करायी थी. उनका बच्चा वर्ष 2018 से लापता है. वहीं बी हंसदा ने अपने छोटे भाई के वर्ष 2014 में लापता होने को लेकर बोरियो थाना में कुलदेव साह व पप्पू साह के खिलाफ कांड संख्या-2020/2022 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी है.

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