Loading election data...

झारखंड के 510 स्कूलों में 3120 शिक्षकों की नियुक्ति शुरू

राज्य के 510 प्लस टू स्कूलों में 3120 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आवेदन जमा करने की तिथि घोषित कर दी गयी है. राज्य में इससे पहले भी तीन बार प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई, जब भी शिक्षकों की नियुक्ति हुई, पद रिक्त रह गये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2022 8:54 AM

Jharkhand Sarkari Naukari: राज्य के 510 प्लस टू स्कूलों में 3120 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आवेदन जमा करने की तिथि घोषित कर दी गयी है. राज्य में इससे पहले भी तीन बार प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई, जब भी शिक्षकों की नियुक्ति हुई, पद रिक्त रह गये. कई विषयों में योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले. राज्य में गणित, भौतिकी, रसायन व अंग्रेजी में शिक्षकों के सबसे अधिक पद रिक्त रह गये. कुल 3120 में से 1391 पद चार विषय में हैं. भौतिकी में 395, गणित में 343, रसायन में 342 व अंग्रेजी में 311 पद रिक्त हैं.

साल 2012 में हुई थी पहली बार नौकरी

राज्य में प्लस टू उच्च विद्यालय में सबसे पहले वर्ष 2012 में शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. वर्ष 2012 में 230 प्लस टू उच्च विद्यालयों में 1840 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा ली गयी. इसमें 607 पद रिक्त रह गये. अंग्रेजी में 230 में से मात्र 95 व गणित में 230 में से 109 पदों पर ही नियुक्ति हुई. इसके बाद 280 प्लस टू स्कूल में 3080 शिक्षकों व 171 प्लस टू स्कूल में 513 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा ली गयी. इनमें 3080 में से लगभग एक हजार एवं 513 में से 200 पद रिक्त रह गये.

शिक्षकों के लिए आरक्षण में संशोधन

राज्य के प्लस टू स्कूल शिक्षक नियुक्ति में हाइस्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित है. पहले हाइस्कूल शिक्षकों के लिए 50 फीसदी पद आरक्षित थे. शिक्षकों के लिए आरक्षित आधे से अधिक पद रिक्त रह जाते थे. प्लस टू शिक्षक नियुक्ति की संशोधित नियमावली में शिक्षकों का आरक्षण कम कर दिया गया है. अब शिक्षकों के लिए 25 फीसदी सीटें ही आरक्षित रहेंगी. इसके अलावा यदि शिक्षकों के लिए आरक्षित पद रिक्त रह जाता है, तो इसे सीधी नियुक्ति से भर दिया जायेगा.

मातृभाषा में पढ़ाई के प्रभाव का किया जायेगा अध्ययन

राज्य के सरकारी स्कूलों में प्राथमिक कक्षा की पढ़ाई मातृभाषा में शुरू करने की तैयारी है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रथम चरण में 250 स्कूलों में इसकी शुरुआत इस सत्र से होगी. मातृभाषा में पढ़ाई का बच्चों के शैक्षणिक स्तर पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसका अध्ययन होगा. इसके लिए इन स्कूलों में सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है. वर्ष भर में तीन सर्वे कराया जायेगा. प्रथम चरण के सर्वे का कार्य शुरू हो गया है. सर्वे में बच्चे अपनी भाषा में पढ़ाई कैसे कर रह रहे, विषयों को समझने में उन्हें पहले की तुलना में आसानी हो रही है कि नहीं, शिक्षक बच्चों को उनकी भाषा में बेहतर ढ़ग से समझा पा रहे हैं कि नहीं, इसकी जानकारी ली जायेगी.

कक्षा तीन तक में शुरू की गयी है पढ़ाई

250 स्कूलों में जनजातीय भाषा में कक्षा तीन तक की पढ़ाई शुरू की है. नयी शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक कक्षा की पढ़ाई बच्चों को मातृभाषा में देने के लिए कहा गया है. इसके तहत खूंटी में मुंडारी, लोहरदगा में कुड़ुख, पश्चिमी सिंहभूम में हो, गुमला एवं सिमडेगा में खड़िया व साहेबगंज में संताली भाषा में पढ़ाई शुरू की गयी है. स्कूलों में पढ़ाई शुरू करने के पूर्व अभिभावकों की सहमति ली गयी है. विद्यालयों में चयन में इस बात का ध्यान रखा गया है कि विद्यालय में उस भाषा को बोलने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम से कम 70 फीसदी हो.

Next Article

Exit mobile version