22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रिम्स का रेफरल कुपोषण उपचार केंद्र दो माह से बंद

रेफर होकर आनेवाले कुपोषित बच्चों को शिशु विभाग के वार्ड में भर्ती कराया जा रहा है. कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए न्यूट्रिशन काउंसलर व पोषण सामग्री की व्यवस्था नहीं.

राजीव पांडेय, रांची

रिम्स का रेफरल कुपोषण उपचार केंद्र पिछले दो माह से बंद है. ऐसे में विभिन्न जिलों से आये गंभीर कुपोषित बच्चों को शिशु विभाग के वार्ड में भर्ती करना पड़ रहा है. यह केंद्र अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था. इसे शुरू करने का उद्देश्य कुपोषित बच्चों को बेहतर पोषण, उपचार और देखभाल कर उनकी मृत्यु दर में कमी लाना था. लेकिन, इस सेंटर में अब तक केवल दो से तीन दर्जन बच्चोंं का ही इलाज हो पाया है.

बताया जाता है कि रेफरल कुपोषण उपचार केंद्र में मैनपावर की कमी है. न्यूट्रिशन काउंसलर, रसोइया, वार्ड ब्वाॅय और अन्य कर्मचारियों की कमी है. उदघाटन के बाद कुछ महीने कुपोषित बच्चों को भर्ती कर यहां इलाज किया गया. बाद में जब पोषण युक्त भोजन की व्यवस्था करने में परेशानी होने लगी, तो यहां बच्चों को भर्ती लेना बंद कर दिया गया. अभी रेफर होकर आये कुपोषित बच्चों को शिशु विभाग के वार्ड में भर्ती कराया जा रहा है.

खाद्य पदार्थों की खरीद में होने लगी थी गड़बड़ी

एनएचम द्वारा उपलब्ध कराये गये फंड से केंद्र में तैनात कर्मचारी अपने हिसाब से सामान की खरीदारी करने लगे थे. ऐसे में गड़बड़ी की सूचना होने पर इस पर रोक लगा दी गयी. शिशु विभाग ने इसकी जानकारी प्रबंधन को दी है. वहीं, प्रबंधन से मांग की गयी है कि रिम्स किचन से दूध, चीनी, तेल और अन्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराया जाये. वहीं, जो सामग्री बाहर से खरीदनी हो, उसके लिए किसी दुकान से अनुबंध कर लिया जाये, ताकि किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता न हो.

बोले पदाधिकारी

न्यूट्रिशन काउंसलर व रसोइया सहित कुछ मैनपावर एनएचएम को उपलब्ध कराना था. लगता है आचार संहिता की वजह से यह उपलब्ध नहीं हुआ है. कुपोषित बच्चों को वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा है. अन्य व्यवस्था कसे शीघ्र दुरुस्त कर लिया जायेगा.

डॉ हिरेंद्र बिरुआ, अधीक्षक, रिम्स

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें