वरीय संवाददाता, रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने सजायाफ्ता गैंगस्टर अमन साहू की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान अदालत ने प्रार्थी व सरकार का पक्ष सुना. सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने प्रार्थी की सजा पर रोक लगाने के आग्रह को नामंजूर कर दिया. साथ ही उसकी सजा पर रोक से संबंधित हस्तक्षेप याचिका (आइए) को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि प्रार्थी अमन साहू के खिलाफ 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. अदालत ने पूर्व विधायक ममता देवी की सजा पर रोक के मामले को इस मामले से अलग बताया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उदाहरण देते हुए अदालत ने अमन साहू की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार ने पैरवी की. वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता लिली सहाय ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि मई 2018 में रामगढ़ की निचली अदालत ने पतरातू थाना में कांड संख्या-273/2015 के तहत दर्ज आर्म्स एक्ट मामले में आरोपी अमन साहू को छह वर्ष की सजा सुनायी थी. अमन साहू ने सजा के खिलाफ हाइकोर्ट में क्रिमिनल अपील याचिका दायर की है. साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ने के उद्देश्य से सजा पर रोक लगाने को लेकर आइए याचिका दायर की थी. लातेहार के एक मामले में अमन साहू को तीन साल की सजा मिली थी. लातेहार के मामले में अमन साहू पूरी सजा काट चुका है.
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