रांची : मुड़मा स्थित जतरा खूंटा शक्ति स्थल में रविवार को सरना धर्म कोड को लेकर अंतर्राज्यीय प्रतिनिधि सभा का आयोजन किया गया. सरना आदिवासी समाज एवं आदिवासी संस्कृति सरना धर्म रक्षा अभियान के तत्वावधान में आयोजित इस प्रतिनिधि सभा में झारखंड, अोड़िशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ व बिहार सहित अन्य प्रदेशों के सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों के धर्मगुरु, सामाजिक अगुवा, पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए.
सभा में केंद्रीय राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के धर्मगुरु बंधन तिग्गा, डॉ करमा उरांव, नारायण उरांव, विद्यासागर केरकेट्टा, सागर केरकेट्टा, शिवा कच्छप, मणि उरांव, सुखदेव उरांव, डीडी तिर्की (अोड़िशा), भगवान दास मुंडा, सीताराम कुजूर (प बंगाल), मिटकु भगत (छत्तीसगढ़), झरियो केरकेट्टा (अोड़िशा), प्रो प्रेमनाथ मुंडा, प्रभात तिर्की ने सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आंदोलन तेज करने सहित सरना आदिवासी समाज के विभिन्न पहलुओं पर विचार रखे.
कहा गया कि 2021 के जनगणना अधिपत्र में सरना धर्म कोड के लिए अलग से कॉलम अधिसूचित हो सके, इसके लिए झारखंड सरकार अविलंब विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजे. अन्यथा शीतकालीन सत्र में विधानसभा का घेराव किया जायेगा. चरणबद्ध आंदोलन के तहत 20 अक्तूबर को झारखंड के सभी प्रखंड, अनुमंडल एवं जिले में रैली निकाली जायेगी तथा 2021 में 27 एवं 28 फरवरी को रांची में सरना धर्म संसद एवं महारैली तथा मार्च में दिल्ली में संसद मार्च का कार्यक्रम किया जायेगा.
इससे पूर्व सभा की शुरुआत सरना प्रार्थना से की गयी. स्वागत भाषण रवि तिग्गा ने दिया. संचालन सूरज खलखो व शिव उरांव ने किया. अध्यक्षता धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने की. मौके पर कमले उरांव, शीला उरांव, रंथु उरांव, वीरेंद्र उरांव, अनिल उरांव, जगराम उरांव, बिहारी उरांव, जतरू उरांव, लक्ष्मण उरांव, सोमा मुंडा, आदिवासी छात्र संघ के केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव, अंथोनी मुंडा, बलकु उरांव, शंकर बेदिया, प्रो प्रेमनाथ मुंडा, प्रभात तिर्की, विजय धान, गोपाल उरांव, राधा तिर्की, मनोज उरांव, अजय लकड़ा, रमेश उरांव सहित अन्य उपस्थित थे.
posted by : sameer oraon