सरकार झारखंड के विभिन्न जेलों से सजा से मुक्त किये गये कैदियों की मदद के लिए आगे आयी है. सरकार ने अब ऐसे कैदियों को विभिन्न लाभप्रद योजनाओं से जोड़ने के लिए मजबूत पहल की है. इस योजना का लाभ राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद द्वारा साल 2019 से अब तक जेलों से रिहा किये गये बंदियों को मिलेगा, जिनमें से अधिकतर सामाजिक रूप से वंचित या कम शिक्षित और निम्न आय वर्ग से हैं. ऐसे बंदियों की तादाद 430 है.
इनमें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार से हाल ही में रिहा 53 बंदी भी शामिल हैं. इन सभी का पूरा डेटा बेस तैयार किया जायेगा. योजना में कई पहलुओं को शामिल किया गया है. इसे लेकर प्रभारी प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारी जितेंद्र नारायण ने हाल में अधिकारियों को पत्र लिखा है. इनमें आयुष्मान भारत योजना सहित विभिन्न पेंशन और सुरक्षा स्कीम शामिल हैं. इसके लिए जेलों में विशेष कैंप लगाया जायेगा.
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जेलों से रिहा हो चुके 60 साल की उम्र से ऊपर वाले व्यक्तियों को वृद्धावस्था सह विधवा पेंशन सहित अन्य योजनाओं को लेकर कारा अधीक्षक के स्तर से व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी. परिवार द्वारा छोड़ दिये गये वृद्ध बंदियों को अगर उनके परिवार वाले स्वीकार नहीं करेंगे, तो ऐसी स्थिति में उनकी देखभाल और रहने की व्यवस्था वृद्धाश्रम में करायी जायेगी.