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बिशप मास्करेन्हास बोले- धर्मांतरण का आरोप सिर्फ ईसाइयों को परेशान करने के लिए

छत्तीसगढ़ की सरकार से अपील है कि वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति दुरुस्त कराये. वहां कई लोगों को घर छोड़ कर भागना पड़ा है. भीड़ के हाथों में कानून-व्यवस्था छोड़ना गलत है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 24, 2022 9:19 AM

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो और ऑग्जीलरी बिशप थियोडोर मास्करेन्हास पत्रकारों से रूबरू हुए. इस अवसर पर आर्चबिशप हाउस में बिशप मास्करेन्हास ने कहा कि धर्मांतरण का आरोप सिर्फ ईसाइयों को परेशान करने के लिए लगाया जाता है. नौ राज्यों में धर्म स्वातंत्र्य कानून है, लेकिन कोई भी दोषी नहीं मिला है. धर्म परिवर्तन से ज्यादा ‘राजनीतिक परिवर्तन’ पर ध्यान देने की जरूरत है, जिससे सरकारें गिरती हैं. इसके लिए डीसी या सरकार की अनुमति की आवश्यकता भी नहीं होती. धर्म परिवर्तन का विषय अंतरात्मा की आवाज पर छोड़ देना चाहिए.

बिशप ने कहा :

छत्तीसगढ़ की सरकार से अपील है कि वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति दुरुस्त कराये. वहां कई लोगों को घर छोड़ कर भागना पड़ा है. भीड़ के हाथों में कानून-व्यवस्था छोड़ना गलत है. किसी को भी कानून का रास्ता अपनाना चाहिए. लोगों के सामने महंगाई, गरीबी, नफरत का बढ़ता माहौल जैसी कई चुनौतियां हैं. यदि धर्म, जाति आदि के आधार पर विभाजन बढ़ेगा, तो शांति नहीं होगी और देश आगे नहीं बढ़ पायेगा.

अल्पसंख्यक, एसटी, एससी व अन्य की छात्रवृत्ति पर न लगायें रोक : बिशप ने कहा कि अल्पसंख्यक, एसटी, एससी व अन्य की छात्रवृत्ति पर रोक नहीं लगायी जाये. शायद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस विषय पर प्रधानमंत्री से बात नहीं की है, क्योंकि प्रधानमंत्री ‘सबका साथ, सबका विकास, सबके विश्वास’ की बात करते हैं.

हम प्रेम, शांति और सद्भावना की संस्कृति विकसित करना चाहते हैं.अगले साल हम अन्य धर्मों के नेतृत्वकर्ताओं के साथ संवाद करना चाहेंगे. युवाओं को निराशा से बचाना, उन्हें प्रोत्साहित करना व आगे बढ़ाना हमारी चिंता है.हेमंत सरकार के प्रति जताया आभार : बिशप ने कहा : हम हेमंत सोरेन सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हैं. कई साल से हम अपने अल्पसंख्यक स्कूलों में शिक्षक नहीं रख पा रहे थे, क्योंकि पिछली सरकार इसकी अनुमति नहीं दे रही थी. रांची आर्चडायसिस में 47 हिंदी माध्यम के स्कूल हैं. अब क्रिसमस तक हमारे सभी स्कूलों में शिक्षक होंगे. ग्रामीण बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में चर्च सरकार के साथ मिल कर कुछ करना चाहता है.

दान-पुण्य का क्रिसमस

आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ने कहा कि बढ़ती महंगाई, बढ़ती बेरोजगार और लोगों की कठिनाइयों को देखते हुए हम लोग साधारण तरीके से क्रिसमस मनायेंगे. अभी जरूरतमंदों को दो हजार कंबल और गरीब बच्चों को दो हजार एजुकेशनल किट देनेवाले हैं. ये कल्याणार्थ कार्य हम मददगारों के सहयोग से करते हैं और यह जाति, धर्म के भेदभाव के बिना किया जाता है. कोरोना काल में हमने चार करोड़ रुपये का राहत कार्यक्रम चलाया, जो हमें दान के रूप में मिला था.

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