झारखंड हाईकोर्ट के वकील के कहने पर विजय हांसदा ने धुर्वा थाने दर्ज करायी थी शिकायत, ED अफसर पर लगाए थे आरोप
मुकेश यादव ने हाइकोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर विजय हांसदा द्वारा धुर्वा थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की सीबीआइ जांच की मांग की थी.
शकील अख्तर, रांची:
हाइकोर्ट के वकील सुधांशु शेखर चौधरी के कहने पर विजय हांसदा ने धुर्वा थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. उसी दिन सत्यापन के बाद प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. इसमें मुकेश यादव और अशोक यादव को अभियुक्त बनाया गया था. इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अफसर पर भी आरोप लगाये गये थे. सीबीआइ द्वारा ‘मुकेश यादव बनाम केंद्र सरकार’ के मामले में दायर शपथ पत्र में इसका उल्लेख किया गया है. शपथ पत्र में सीबीआइ ने हाइकोर्ट के परिसर में गौतम नामक युवक द्वारा ईडी के अधिकारी का मोबाइल छीने जाने का भी उल्लेख किया है.
मुकेश यादव ने हाइकोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर विजय हांसदा द्वारा धुर्वा थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की सीबीआइ जांच की मांग की थी. याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया था कि यह मामला विजय हांसदा द्वारा उच्चस्तरीय जांच की मांग करने और फिर उसे वापस लेने के लिए दायर याचिका के प्रकरण का एक हिस्सा है. विजय हांसदा द्वारा दायर याचिका के मामले में सीबीआइ को पीइ दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया गया है.
अदालत ने मुकेश यादव की याचिका पर सुनवाई के दौरान 21 सितंबर, 2023 को यह कहा था कि इस मामले में सीबीआइ द्वारा शपथ पत्र दायर करने के बाद ही कोई फैसला किया जायेगा. न्यायालय के इस आदेश के आलोक में सीबीआइ ने धुर्वा थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी और हाइकोर्ट में हुई घटना के सिलसिले में शपथ पत्र दायर किया है.
हाइकोर्ट परिसर में विजय हांसदा से हुई थी अशोक यादव और मुकेश यादव की तकरार :
सीबीआइ की ओर से दायर शपथ पत्र में कहा गया है कि 16 अगस्त, 2023 को दिन के करीब 10:30 बजे ईडी अधिकारी अनुपम कुमार हाइकोर्ट पहुंचे थे. ईडी के सहायक निदेशक देबब्रत झा को इस बात की सूचना मिली थी कि मनी लाउंड्रिंग के फरार आरोपी राजेश यादव उर्फ दाहू यादव को हाइकोर्ट परिसर में देखा गया है. उसके साथ विष्णु यादव उर्फ छोटू यादव भी है. इस सूचना के आलोक में सहायक निदेशक के निर्देश पर अनुपम कुमार, अमन पटेल और मनीष मिश्रा भी हाइकोर्ट पहुंचे थे.
दाहू यादव के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था. ईडी के अधिकारी दाहू यादव की पहचान करने में मुकेश और अशोक की मदद ले रहे थे. हाइकोर्ट परिसर में विजय हांसदा पर नजर पड़ने के बाद इडी के अधिकारी ने दाहू यादव की उपस्थिति के बारे में पूछा. विजय हांसदा ने ईडी अफसर के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया. इस बीच किसी ने वकील सुधांशु शेखर चौधरी को फोन किया. इसके बाद वह छोटू यादव के साथ कैंटीन के पास आये और विजय हांसदा को अपने साथ ले गये.
इस बीच ईडी अधिकारी अमन पटेल ने अपने मोबाइल से घटनाक्रम का वीडियाे बनाने की कोशिश की, लेकिन विष्णु यादव के साथ मौजूद गौतम नामक युवक ने अमन पटेल का मोबाइल छीन लिया. अशोक यादव ने इसका विरोध किया. बाद में मोबाइल वापस कर दिया गया. जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली कि अमन पटेल का मोबाइल वापस करने के मुद्दे पर विजय हांसदा के साथ अशोक यादव और मुकेश यादव के साथ तकरार हुई थी. इसके बाद अधिवक्ता सुधांशु शेखर चौधरी के कहने पर विजय हांसदा ने 16 अगस्त, 2023 को धुर्वा थाने में एक शिकायत दर्ज करायी. आननफानन में शिकायत का सत्यापन कर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी.
हाइकोर्ट ने सीबीआइ को दिये हैं विजय हांसदा की भूमिका की जांच के आदेश :
उल्लेखनीय है कि विजय हांसदा ने साहिबगंज थाना में दर्ज प्राथमिकी संख्या 6/2022 में पुलिस जांच पर असंतोष जताते हुए राज्य के बाहर की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए याचिका दायर की थी. बाद में उसने हाइकोर्ट में आइए दाखिल कर कोर्ट से अपनी याचिका वापस लेने का अनुरोध किया. इसके लिए यह तर्क पेश किया कि उसे धोखा देकर स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग से संबंधित याचिका दायर करायी गयी. जिस वक्त यह यचिका दायर की गयी, उस वक्त वह जेल में था.
उसने वकालतनामा पर अपनी जमानत याचिका दाखिल करने के लिए हस्ताक्षरित किया था, लेकिन धोखे से इस वकालतनामा के आधार पर साहिबगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी की स्वतंत्र एजेंसी से जांच के लिए याचिका दायर कर दी गयी. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद सीबीआइ को पीइ दर्ज कर विजय हांसदा की भूमिका के साथ ही साहिबगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 6/2022 के अभियुक्तों की भूमिका की जांच का आदेश दिया था.