Reservation : पिछड़ों को 36 से 50% आरक्षण की अनुशंसा, राज्य पिछड़ा आयोग ने भेजा सरकार को पत्र
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने तमिलनाडु की तर्ज पर झारखंड में भी पिछड़ी जातियों को जनसंख्या के आधार पर 36 से 50 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा सरकार से की है.
उत्तम महतो, रांची : राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने तमिलनाडु की तर्ज पर झारखंड में भी पिछड़ी जातियों को जनसंख्या के आधार पर 36 से 50 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा सरकार से की है. आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति लोकनाथ प्रसाद ने तमिलनाडु में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश का तीन दिनों तक अध्ययन किया. उसके बाद सरकार को अनुशंसा पत्र भेजा है.
आयोग ने विभिन्न संगठनों की मांग के बाद इस मामले में किये गये अध्ययन के आधार पर यह अनुशंसा सरकार से की है. भेजे गये अनुशंसा पत्र में आयोग ने कहा है कि झारखंड में पिछड़ी जातियों की 54 से 55 प्रतिशत आबादी रहती है. इसके बावजूद इन्हें मात्र 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जो बेहद कम है. इस वजह से पिछड़ा वर्ग के पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी नहीं मिल पा रही है. आयोग के अनुसार, पिछड़ा वर्ग-1 की आबादी पिछड़ा वर्ग-2 से ज्यादा है, इसलिए सरकार जल्द पिछड़ा वर्ग-1 को 24 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग-2 को 12 प्रतिशत आरक्षण दे.
सरकार चाहे, तो जनसंख्या के अनुपात में पिछड़ी जातियों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण दे सकती है. गौरतलब है कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने पूर्व की रघुवर सरकार के कार्यकाल में सात फरवरी 2019 को भी पिछड़ी जातियों का आरक्षण बढ़ाने की अनुशंसा की थी. उस दौरान भी तमिलनाडु और महाराष्ट्र में पिछड़ी जातियों को दिये जा रहे आरक्षण का उल्लेख किया गया था. आयोग ने हाल ही में हुए जातिगत सर्वे को जनसंख्या का आधार बताया है, हालांकि इस सर्वे का अबतक प्रकाशन नहीं हुआ है.
आयोग ने कहा : राज्य में पिछड़ी जातियों की आबादी 54-55%, जिन्हें मिल रहा है सिर्फ 14 फीसदी आरक्षण
एससी 08%
55% पिछड़ी जाति
26% एसटी
11% एससी
08% अन्य जाति
अब आगे क्या हो सकता है
आयोग की अनुशंसा पर कार्मिक विभाग प्रस्ताव तैयार कर सकता है
कैबिनेट की मुहर के बाद विधानसभा में प्रस्ताव को चर्चा के लिए लाया जा सकता है
विधानसभा से स्वीकृति मिलने के बाद सरकार आरक्षण के प्रावधान में संशोधन कर सकती है
कार्मिक के प्रस्ताव पर कैबिनेट में चर्चा हो सकती है
Post by : Pritish Sahay