रांची : इलाहाबाद की रेशमा प्रसव के बाद अवसाद का शिकार होकर पतरातू पहुंच गयी थी. लेकिन रिनपास में लंबे इलाज के बाद आज वो ठीक हो गयी. उन्हें स्वास्थ्य करने में वहां कार्यरत मनोवैज्ञानिक अंजली सिंह का बड़ा योगदान है. जिनकी मदद से न सिर्फ वो ठीक हो पायी बल्कि अपने परिवार से दोबारा मिल सकी. आज रेशमा इलाहाबाद स्थित घर में पति बंटी के साथ नये सिरे से जिंदगी शुरू कर रही है.
जब डिप्रेशन में वह घर से निकली थी, तो उस वक्त उसका बच्चा दो माह का था. उस समय वह इलाहाबाद से ट्रेन पकड़ कर पतरातू, रामगढ़ आ गयी थी. पतरातू स्टेशन पर उसे जब लोगों ने भटकते देखा, तो इसकी सूचना रामगढ़ जिला प्रशासन को दी. तब रामगढ़ एसडीओ ने रेशमा को रिनपास में भर्ती कराया था.
रिनपास में उचित इलाज के बाद रेशमा ठीक हो गयी. वह अपना घर इलाहाबाद के मुंडेरा चुंगी में गेस्ट हाउस के पास बताती थी. मूल रूप से उत्तर प्रदेश की रहनेवाली रिनपास की मनोवैज्ञानिक अंजली सिंह ने रिश्तेदारों से इस स्थान के बारे में पता करने को कहा. रेशमा के घर का पता करने की कोशिश की गयी.
इसकी सूचना श्रीमती सिंह के परिजनों ने स्थानीय थाने को दी. रेशमा का एक फोटो भी थाने में भेजा गया. अंजली के परिजनों ने आसपास के दुकानवालों को भी महिला की फोटो दिखायी. इस क्रम में एक दुकानदार ने उसे पहचान लिया. उसी ने फिर महिला के घरवालों को सूचना दी कि उसकी पत्नी कांके, रिनपास में भर्ती है. दुकानदार ने जब वीडियो कॉल पर महिला को उसके परिजनों से मिलाया, तो वह उन्हें पहचान गयी.
वीडियो कॉल के दौरान अपनी खो चुकी बहू रेशमा को पाकर उसके ससुर रोने लगे. रिनपास प्रबंधन ने उसके पति बंटी को रांची आकर पत्नी को ले जाने के लिए कहा. नौ माह बाद पत्नी से मिलकर रोने लगा. पत्नी को लेकर शनिवार को बंटी इलाहाबाद चला गया.
रिनपास व वहां कार्यरत मनोवैज्ञानिक अंजली सिंह ने की मदद
रिश्तेदारों के सहारे खोज निकाला ससुराल, वीडियो कॉल पर लापता बहू से मिलकर रोने लगे ससुर
पति भी रिनपास में लापता हो गयी पत्नी को पाकर लगा रोने
गर्भवती महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिससे वह काफी डर जाती हैं. हार्मोनल बदलाव उनकी इस फीलिंग को और ज्यादा भयावह कर देते हैं. गर्भधारण की वजह से अक्सर नयी माताएं तनाव और अवसाद महसूस करती हैं. डिलीवरी के बाद जब कोई महिला िडप्रेशन महसूस करने लगती है, तो उसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहते हैं.
कभी-कभी कुछ महिलाओं में प्रसव के बाद मानसिक परेशानी होती है. यह कुछ समय के लिए होता है. ऐसे में विशेष देखभाल की जरूरत होती है. कभी-कभी इलाज की भी जरूरत होती है. यह महिला इसी बीमारी का शिकार हो गयी थी. इलाज के बाद वह पूरी तरह ठीक है.
अंजली सिंह, साइकेट्रिक सोशल वर्कर रिनपास
Posted By: Sameer Oraon