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PHOTOS: देसी-विदेशी फूलों को लेकर क्रेजी हैं राजधानीवासी

देसी-विदेशी फूलों की सुगंध से अपनी रांची महक रही है. रंग-बिरंगे फूलों की खुशबू मौसम को खुशनुमा बना रही है. एक तरफ आर्किड, एंथोनियम, जरबेरा, ग्लाइडोअस, गेडी, क्रिसैंथेमम (गुलदाउदी), डच रोज जैसे विदेश फूल सबको लुभा रहे हैं, तो देसी रजनीगंधा, गुलाब और गेंदा की महक भी बिखरी हुई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2022 2:18 PM
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खासकर फूलों की ये किस्में शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त के लिए मंगायी गयी हैं. दर्जनों वेराइटी दूसरे राज्यों से मंगवायी जा रही हैं. इन फूलों की खूबसूरती शादी समारोह में स्टेज डेकोरेशन से लेकर गैलेरी और वरमाला में देखी जा सकती है. इन फूलों को लेकर राजधानीवासी भी जबरदस्त क्रेजी दिख रहे हैं, तभी तो लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं. फूलों से मोहब्बत देखते ही बन रही है.

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ग्लेडियोलस पूर्वी भारत से थोक भाव में रांची के बाजार में पहुंच रहा है. बोलचाल की भाषा में इसे लोग जेडी फूल का नाम दे चुके हैं. बाजार में इस फूल के दर्जनों रंग मौजूद हैं. इसमें लाल, नारंगी, सफेद, पीला, बैंगनी मुख्य है. वहीं सफेद रंग के साथ मिक्स कर इसकी दर्जनों वेराइटी तैयार की जा रही है. समारोह में सजावट और उपहार के लिए दिये जाने वाले गुलदस्ते में इसे इस्तेमाल किया जा रहा है. एक स्टिक की कीमत 15 से 20 रुपये है.

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इन दिनों दिखने वाले गुलाब देसी नहीं है. विदेशी डच रोज को पुणे से मंगाया जा रहा है. इस लगन में बड़े आकार के गुलाबों का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है़ वरमाला में डच रोज का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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गुलदस्ते और समारोह के लिए तैयार होनेवाले स्टेज में जिप्सी फूल ने अपनी जगह बना ली है. कोलकाता में इसकी बड़ी मात्रा में खेती की जा रही है. यही कारण है कि रांची के बाजार में यह आसानी से उपलब्ध हो रहा है. दुकानदारों ने बताया कि सजावट में हरे पत्ते और छोटे सफेद फूल के गुच्छे का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है. इसका एक बंडल 50 रुपये में उपलब्ध है.

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शादी समारोह में सबसे ज्यादा मांग ऑर्किड फूलों की है. खासतौर पर वरमाला में सफेद और नीले रंग के ऑर्किड फूलों का खूब इस्तेमाल हो रहा है़ मूल से आर्कटिक प्रदेश में पाये जानेवाले इन फूलों की खेती दक्षिण भारत में भी हो रही है. ये फूल बेंगलुरु से मंगवाये जा रहे हैं. ऑर्किड फूलों के बैंगनी रंग को लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं. एक स्टिक की कीमत 30 रुपये है़ वहीं, वरमाला के लिए इस फूल पर लोग 6000 रुपये तक खर्च करने को तैयार हैं. वहीं, कम बजट वाले लोग इसकी आर्टिफिशियल स्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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राजधानी के बाजार में जरबेरा फूल की छह वेराइटी उपलब्ध है. दक्षिण अफ्रीका के इस फूल का इस्तेमाल शादी समारोह में स्टेज सज्जा के लिए काफी किया जा रहा है. इसे ट्रांसवल डेजी या बारबेटेन डेजी के नाम से भी जाना जाता है. राजधानी की फूल दुकानों में इसकी वेराइटी उपलब्ध है. इसे खासकर पुणे से मंगवाया जा रहा है. लाल, पीले, गुलाबी, बैंगनी, नारंगी और सफेद रंग की वेराइटी सबको लुभा रही है. इसकी कीमत 20 रुपये प्रति स्टिक है.

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चाइनीज फूल के नाम से प्रचलित क्रिसैंथेमम (गुलदाउदी) कोलकाता के बड़ा बाजार फ्लावर मार्केट से रांची पहुंच रहा है. लगन के बाजार में इसे सजावट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. दुकानों में गुलदाउदी सफेद, लाल, पीला, गुलाबी, सफेद व गुलाबी मिक्स, सफेद व पीले मिक्स रंगों में उपलब्ध है. इसे स्टार फ्लावर का भी नाम दिया गया है, क्योंकि उपहार के लिए तैयार गुलदस्ते में गुलदाउदी ही शान है. एक पीस की कीमत 20 रुपये है.

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कोलकाता फ्लावर्स के सूरा मैती ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में विदेशी फूलों की कीमत में 15% तक का इजाफा हुआ है. कीमत में वृद्धि का मुख्य कारण ट्रांसपोर्टेशन चार्ज है. इसके बावजूद लोग फूलों की अच्छी-खासी खरीदारी कर रहे हैं. नवंबर-दिसंबर के लगन के लिए डीलर्स को पहले से ही ऑर्डर दे दिया गया है.

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साथ ही मंडप और दूल्हे की गाड़ी को खास तौर पर सजाया जा रहा है. बाजार में डच रोज लाल, गुलाबी, सफेद, नारंगी, सफेद और गुलाबी मिक्स रंग में उपलब्ध है. एक पीस की कीमत 25-30 रुपये है. दुकानदारों ने बताया कि लोग वरमाला के लिए 7000 रुपये तक खर्च कर रहे हैं.

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