झारखंड : राजस्व कर्मचारी ने कई भू-माफिया के राज खोले, विष्णु अग्रवाल ने भी मानी गलती
राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप ने पूछताछ में भू-माफिया के राज खोले. ईडी की टीम को कुछ नये भू-माफिया और आला अधिकारियों के बीच सांठगांठ की भी जानकारी दी.
बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद बड़गाईं अंचल के राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप ने पूछताछ में भू-माफिया के राज खोले. इडी की टीम को कुछ नये भू-माफिया और आला अधिकारियों के बीच सांठगांठ की भी जानकारी दी. अब तक इडी की जांच के दायरे से बाहर रहे इन भू माफिया ने भी सरकारी जमीन के दस्तावेज में जालसाजी कर अपने लोगों को फर्जी मालिक बनाया और जमीन की खरीद बिक्री की. इडी ने पीएमएलए कोर्ट के आदेश पर पांच अगस्त को जेल में राजस्व कर्मचारी से पूछताछ की. वहीं दूसरी ओर इडी ने रिमांड के तीसरे दिन व्यापारी विष्णु अग्रवाल से पूछताछ की. उनसे सेना के लिए अधिगृहित जमीन, पुगड़ू की जमीन,चेशायर होम रोड की जमीन के अलावा न्यूक्लियस मॉल की जमीन की खरीद बिक्री के संबंध में पूछताछ की. विष्णु अग्रवाल ने सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद बिक्री में अपनी गलती मान ली है. बाकी जमीन के मामले में खुद को निर्दोष बताने की कोशिश कर रहे हैं.
भूमाफिया के कहने पर घर पर फाइल रखता था
राजस्व कर्मचारी ने घर में अंचल कार्यालय का दस्तावेज रखने का उद्देश्य इसमें हेर फेर कर जमीन माफिया के निर्देश पर उन्हें मदद करना बताया है. उसने पूछताछ में कुछ और भू माफिया का नाम लिया है जिन्हें अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है. इडी सूत्रों ने जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की वजह से फिलहाल नये भू माफिया व अफसरों का नाम सार्वजनिक नहीं किया है.
जेल में राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप से की गयी पूछताछ
चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा व बड़ी तादाद में सरकारी दस्तावेज अपने घर में रखने के मामले में बिरसा केंद्रीय कारा होटवार में बंद राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप से रांची पुलिस ने शनिवार को पूछताछ की. इस दौरान यह बात सामने आयी कि बिहार के गोपालगंज के निवासी राजेश राय से एक व्यक्ति रांची से उनके घर पर मिलने गया था. उसने उन्हें बताया था कि आपके पिता जगदीश राय के नाम से रांची के चेशायर रोड होम में एक एकड़ जमीन है. इसके कागजात मिले हैं. इस आधार पर राजेश राय जमीन बेचने के लिए तैयार हुए. इसके बाद इम्तियाज व भानु प्रताप के नाम पर राजेश राय ने पावर ऑफ एटर्नी दे दिया. इसके एवज में पावर देने के लिए दस हजार रुपये राजेश राय को दिया गया.
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बाद में उनके एकाउंट में 25 लाख रुपये ट्रांसफर किये गये थे. इसके बाद इम्तियाज व भानु प्रताप द्वारा पुनीत भार्गव नामक व्यक्ति को जमीन रजिस्ट्री कर दी गयी थी. इसके बाद फिर पुनीत भार्गव से 1.80 करोड़ रुपये में विष्णु अग्रवाल ने जमीन खरीद ली थी. इसी जमीन से जुड़ा एक और फर्जी डीड लखन सिंह के पिता कालीचरण सिंह के नाम पर बनाया गया था. जमीन की खरीद-फरोख्त के दौरान लखन सिंह को कनफर्मिंग पार्टी बनाया गया था, ताकि भविष्य में कोई विवाद नहीं हो. जमीन फर्जीवाड़ा मामले में सदर थाना में कांड संख्या 399/22 व सरकारी दस्तावेज घर में रखने के मामले में नु प्रताप के खिलाफ कांड संख्या 272/23 दर्ज कराया गया था. भानु प्रताप से जेल में पूछताछ करने वालों में रांची के सिटी डीएसपी दीपक कुमार, सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार, सदर थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो शामिल थे.