झारखंड में राजस्वकर्मियों का हड़ताल जारी, जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से विद्यार्थी परेशान

राज्य के राजस्वकर्मी 16 सितंबर से हड़ताल पर हैं. ऐसे में विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. सबसे ज्यादा दिक्कत आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को हो रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 27, 2022 8:45 AM
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Ranchi News: राज्य के राजस्वकर्मी 16 सितंबर से हड़ताल पर हैं. ऐसे में विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. सबसे ज्यादा दिक्कत आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को हो रही है. इन बच्चों को जोसा सहित अन्य काउंसेलिंग में भाग लेने में परेशानी हो रही है, क्योंकि ये दोनों सर्टिफिकेट साल के अप्रैल के बाद का जारी होने चाहिए. अप्रैल के बाद विद्यार्थियों का प्रमाण पत्र बना था. उसके बाद बड़ी संख्या में प्रमाण पत्र लंबित हैं.

विद्यार्थियों के पास नहीं है जाति प्रमाण पत्र

इधर, विभिन्न सेवाओं के लिए बड़ी संख्या रिक्तियां आयी हैं. उसके लिए आवेदन भी भरे जा रहे हैं, लेकिन बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है. वे लगातार प्रज्ञा केंद्र में जाकर आवेदन दे रहे हैं, लेकिन उनके आवेदन पर विचार नहीं हो पा रहा है. सारे आवेदन राजस्व उप निरीक्षकों के लॉगिंग में पड़े हुए हैं. उनसे आवेदन आगे नहीं बढ़ रहा है. सारे राजस्व उप निरीक्षक हड़ताल पर हैं. इस कारण सर्टिफिकेट निर्गत करने का काम पूरी तरह से ठप हो गया है.

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विद्यार्थी है परेशान

इस वजह से परेशानी विद्यार्थी अंचल कार्यालयों में पहुंच रहे हैं. अंचलाधिकारियों से भी बात कर रहे हैं, पर उनकी समस्या का निबटारा नहीं हो पा रहा है. अगर हड़ताल लंबा खींचा, तो बड़ी संख्या में विद्यार्थी काउंसेलिंग से वंचित रह जायेंगे. साथ ही विभिन्न नौकरियों के लिए आवेदन भी भरने से चूक जायेंगे.

क्या है राजस्व कर्मचारियों की मांग

हड़ताल में शामिल राजस्व कर्मचारियों ने बताया कि झारखंड राज्य राजस्व उप निरीक्षक संघ के आह्वान पर 11 सूत्री मांगों के समर्थन में पूरे राज्य में राजस्व कर्मचारी हड़ताल पर हैं. इनकी मांगों में 2019 में राज्य सरकार से हुए समझौते को लागू करना, ग्रेड पे 2800 रुपये करने, अंचल निरीक्षक बहाली में 50 प्रतिशत पर वरीय राजस्व उप निरीक्षकों को पदोन्नति देने, प्रोन्नति के लिए होने वाले परीक्षा में एक्सपीरियंस की अवधि 10 से घटा कर पांच वर्ष करने शामिल है.

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